किसान आंदोलन को नई दिशा देने के लिए खाप नेताओं की बैठक
29 दिसंबर को होगी महापंचायत
चंडीगढ़: किसान आंदोलन की मौजूदा स्थिति और भविष्य की रणनीति को लेकर चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में हरियाणा के प्रमुख खाप नेताओं द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस बैठक में विभिन्न खापों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और आंदोलन को नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए।टटोली गांव का धरना ऐतिहासिकसतरोल खाप प्रतिनिधि सतीश कुमार ने बताया कि किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में तीन बड़े धरने आयोजित किए गए, जिसमें टटोली गांव का धरना विशेष महत्व रखता है। इस धरने में 102 पंचायतों ने भाग लिया। साथ ही 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जिसने आंदोलन को प्रभावी ढंग से संचालित किया। दलजीत सिंह दल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर चिंता
सतीश कुमार ने बताया कि 11 सदस्यीय कमेटी ने खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन के प्रमुख नेता दलजीत सिंह दल्लेवाल से मुलाकात की। इस दौरान दल्लेवाल का स्वास्थ्य ठीक नहीं पाया गया। खाप नेताओं ने उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई और उनसे अनशन समाप्त करने की अपील की। हालांकि, दल्लेवाल ने साफ किया कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वह अपना अनशन जारी रखेंगे।
खाप नेताओं ने हरियाणा सरकार की किसान विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “सरकार किसानों को ट्रैक्टर से प्रदर्शन करने से रोकती है और अब जब किसान पैदल मार्च कर रहे हैं, तो उन पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। यह किसानों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है।”
खाप नेताओं ने ऐलान किया कि 29 दिसंबर को हिसार जिले के बास गांव में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस महापंचायत में किसान आंदोलन की आगामी रणनीति पर चर्चा की जाएगी।सतीश कुमार ने सभी किसान संगठनों से इस महापंचायत में भाग लेने की अपील की।
खाप नेताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होने की अपील की। सतीश कुमार ने कहा, “यह किसी एक संगठन की नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों की मांग है। सभी संगठनों को एकजुट होकर एक मजबूत और सशक्त आंदोलन चलाना चाहिए।
सतीश कुमार ने कहा कि चुनावों के कारण कुछ धरने स्थगित कर दिए गए थे। महापंचायत में तय किया जाएगा कि फिर से धरने कहां और कैसे शुरू किए जाएं।
