कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से होगी शुरू
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सुलझने के बाद अब कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने जा रही है। यह यात्रा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से होकर होती है जो पहले जोखिम भरा और लंबा मार्ग माना जाता था। हालांकि इस बार यात्रा को ज्यादा सुगम और आरामदायक बनाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं।क्या है नया बदलाव?
पहले कैलाश यात्रा के लिए पिथौरागढ़ से ट्रैकिंग करके लिपुलेख दर्रा तक पहुंचने में 12 दिन लगते थे और फिर तिब्बत में 10 दिन बिताने पड़ते थे। कुल मिलाकर पूरी यात्रा में 22 दिन लगते थे लेकिन अब इस यात्रा का समय घटा दिया गया है। अब यात्रियों को केवल 16 दिन लगेंगे जिनमें 6 दिन उत्तराखंड में और 10 दिन तिब्बत में रहना होगा। उत्तराखंड में 6 दिन यात्रा में आने-जाने के लिए 3-3 दिन दिए गए हैं। चीन में 80 किमी की वाहन यात्रा के बाद यात्री कुगू पहुंचेंगे और फिर कैलाश मानसरोवर झील तक जाएंगे।
यात्रा के खर्च के बारे में अभी कुछ तय नहीं हुआ है। 2019 में जब उत्तराखंड रूट से यात्रा बंद हुई थी तो एक यात्री का खर्च लगभग 1.25 लाख रुपये था। इसमें से 50,000 रुपये चीनी अधिकारियों को और 32,000 रुपये कुमाऊं मंडल विकास निगम को देना पड़ता था। बाकी खर्च यात्रा के आने-जाने और अन्य व्यवस्थाओं पर होता था।
हालांकि केंद्र और राज्य सरकारें इस पर सब्सिडी देने पर विचार कर रही हैं। 2019 में यूपी सरकार ने प्रति यात्री 1 लाख रुपये की सब्सिडी दी थी और उस समय सबसे अधिक यात्री यूपी से थे।
