December 22, 2025

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: देश की सबसे शक्तिशाली महिला राजनेताओं में शुमार है महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती राज्य की सबसे दमदार राजनेताओं में से एक है। महबूबा मुफ्ती के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के बाद जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी ने बतौर नए उम्मीदवार के रूप में महबूबा मुफ्ती के नाम का चयन किया था। भाजपा संग हुए गठबंधन के दौरान महबूबा मुफ्ती बतौर मुख्यमंत्री चुनी गई थीं। बता दें कि साल 2016 से 2018 तक महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री रहीं। साल 2018 में गठबंधन टूट जाने के बाद राज्य में सरकार गिर गई। महबूबा मुफ्ती का जन्म 22 मई 1959 को जम्मू कश्मीर में अनंतनाग जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद मुफ्ती सैयद था और माता गुलशन नजीर है। महबूबा मुफ्ती एक राजनीतिक परिवार से आती हैं, उनके पिता मोहम्मद मुफ्ती देश के गृह मंत्री रह चुके थे, साथ ही जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री भी थे। साल 1989 में आतंकवादियों ने एक एयरप्लेन का हाइजैक कर लिया था। यात्रियों के बदले एक कुख्यात आतंकी को रिहा करने की मांग की गई थी। उन यात्रियों में महबूबा मुफ्ती की बहन रुबिया भी शामिल थीं। यह उन दिनों की बात है, जब मोहम्मद मुफ्ती सैयद देश के गृहमंत्री थे।

राजनीतिक परिवार से आने वाली महबूबा मुफ्ती ने अपनी शिक्षा कश्मीर यूनिवर्सिटी से पूरी की। उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की। बाद में पिता के निधन के बाद उन्होंने पिता की राजनीतिक पार्टी पीडीपी को संभाला। सक्रिय राजनीति में आने से पहले महबूबा मुफ्ती ने पति से तलाक ले लिया था। उस समय महबूबा की दो बेटियां थीं, जिनका नाम इल्तिजा, इर्तिका है। महबूबा मुफ्ती ने अपनी राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्टी के साथ शुरुआत की थी।

साल 1996 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर बिजबेहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ीं और जीत दर्ज की। साल 1999 में उन्होंने श्रीनंगर से सांसद का चुनाव लड़ा लेकिन उमर अबदुल्ला से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस पार्टी से विवाद होने के बाद उन्होंने कांग्रेस से किनारा कर पीडीपी का गठन किया। साल 2002 में राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पहलगाम सीट से चुनाव जीता और अनंतनाग सीट से लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 2004 और 2014 में जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 2016 में भाजपा संग पीडीपी के हुए गठबंधन में उन्हें बतौर मुख्यमंत्री चुना गया था। हालांकि साल 2018 में पीडीपी और भाजपा का गठबंधन टूट गया और राज्य में सरकार गिर गई।

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