ईरान की कैद से जल्द होगी भारतीयों की रिहाई
1 min read
बोला- ये हमारे लिए भी गंभीर चिंता का विषय
नई दिल्ली – ईरानी सरकार ने कहा कि पुर्तगाली ध्वज वाले कंटेनर जहाज एमएससी एरीज पर सवार चालक दल के सदस्यों को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने पुर्तगाली समकक्ष पाउलो रंगेल को इस घटनाक्रम की जानकारी दी। भारत के लिहाज से ये खबर राहत देने वाली है। क्योंकि इसमें भारत के भी 16 नागरिक शामिल हैं। ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कोर (आईआरजीसी) के विशेष नौसेना बलों ने 13 अप्रैल को हॉर्मुज जलडमरूमध्य के पास एमसीएस एरीज नाम के जहाज को कथित तौर पर इजराइल के साथ उसके तार जुड़े होने के मद्देनजर जब्त कर लिया था।
सीएनएन-न्यूज18 के अनुसार, ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन ने कहा, “जहाज के चालक दल की स्वतंत्रता का मानवीय मुद्दा हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है। हमने तेहरान में इन लोगों के राजदूतों को कांसुलर पहुंच प्रदान की है। इसके अलावा, हमने उन्हें पूरी आजादी और ट्रांसफर का सुविधा दी है।” हालांकि, ईरान ने उनकी रिलीज की तारीखों की घोषणा नहीं की है।
गौरतलब है कि 17 सदस्यीय भारतीय दल में से एक महिला सदस्य पहले ही घर लौट चुकी है। दो दिन भारत ने कहा था कि चालक दल में शामिल शेष 16 भारतीयों की वापसी में कुछ तकनीकी पहलू शामिल हैं। तेहरान में भारतीय मिशन और ईरानी सरकार के ‘संगठित प्रयासों’ के बाद 13 अप्रैल को जब्त किए गए पोत ‘एमएससी एरीज’ के 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों में से एकमात्र महिला कैडेट एन टेसा जोसेफ को 18 अप्रैल को रिहा कर दिया गया था। यहां अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि 16 भारतीयों का स्वास्थ्य अच्छा है। भारतीय मिशन को ईरानी अधिकारियों द्वारा भारतीयों तक राजनयिक पहुंच प्रदान की गई है। जयसवाल ने कहा कि एमएससी एरीज पर अब भी 16 भारतीय सवार हैं।
जयसवाल ने कहा, ‘‘इन 16 लोगों के लिए हमने राजनयिक पहुंच की मांग की थी जो हमें मिल गई। हमारे अधिकारी वहां गए और उनसे मुलाकात की। वे अपने परिवारों के साथ लगातार संपर्क में हैं। उनका स्वास्थ्य अच्छा है और पोत पर उन्हें किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक उनकी वापसी का सवाल है, तो इसमें कुछ तकनीकी पहलू शामिल हैं, कुछ संविदात्मक दायित्व हैं।’’ केरल के त्रिशूर के रहने वालीं जोसेफ 18 अप्रैल की दोपहर को कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरीं। कुल 17 भारतीय पोत के 25 सदस्यीय चालक दल का हिस्सा थे।