टूट सकता है भारत- पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम: मार्को रूबियो
असीम मुनीर ने फिर दिया भारत विरोधी बयान,
वॉशिंगटन, पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर का लगातार विदेश यात्राओं पर जाकर साक्षात्कार देना और स्वयं को पाकिस्तान का असली निर्णायक प्रस्तुत करना इस्लामाबाद की राजनीतिक वास्तविकताओं को उजागर करता है। दरअसल, पाकिस्तान में सेना ही सत्ता का वास्तविक केंद्र है और मुनीर इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्थापित करना चाहते हैं। भारत को प्रतिदिन दिए जाने वाले उनके धमकी भरे बयानों का मकसद घरेलू मोर्चे पर जनता का ध्यान आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से हटाना है।
दूसरी ओर, अमेरिकी विदेश मंत्री का यह कहना कि भारत-पाक संघर्षविराम जल्द ही टूट सकता है, क्षेत्रीय अस्थिरता पर वैश्विक चिंता को रेखांकित करता है। वॉशिंगटन की इस टिप्पणी से साफ है कि दुनिया को डर है कि पाकिस्तानी सेना अपनी घरेलू कमजोरियों को छिपाने के लिए सीमा पर तनाव बढ़ा सकती है। भारत के लिए यह स्थिति एक बड़ी चुनौती है— जहाँ उसे एक ओर अपने संयम और धैर्य का परिचय देना है, वहीं दूसरी ओर हर उकसावे का ठोस और कूटनीतिक जवाब भी तैयार रखना है।
जहां तक मुनीर के ताजा साक्षात्कार की बात है तो बता दें कि ब्रसेल्स में पाकिस्तानी पत्रकार सुहैल वार्राइच को दिए एक साक्षात्कार में पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। इस साक्षात्कार में मुनीर ने जो स्वीकारोक्ति की है वह न केवल पाकिस्तान की राजनीति और सैन्य सोच को उजागर करती है, बल्कि भारत और वैश्विक भू-राजनीति के लिए भी गहरे संकेत छोड़ती है।
बता दें कि असीम मुनीर ने स्वयं को ईश्वर प्रदत्त पाकिस्तान का रक्षक बताते हुए राष्ट्रपति या राजनेता बनने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि उनका सबसे बड़ा सपना शहादत है, न कि सत्ता। इसके साथ ही मुनीर ने भारत और अफ़ग़ानिस्तान पर पाकिस्तान को अस्थिर करने का आरोप भी लगाया।
