हरियाणा में 20 साल से शामलात जमीन पर मकान बनाकर रह रहे लोगों को मिलेगा मालिकाना हक
1 min readचंडीगढ़: हरियाणा के गांवों में शामलात जमीन पर 20 साल से मकान बनाकर रह रहे ग्रामीणों को अब मालिकाना हक दिया जाएगा। हालांकि अधिकतम 500 वर्ग गज तक के मकानों को ही वैध माना जाएगा। इसी तरह 20 साल से शामलात जमीन को पट्टे पर लेकर खेती कर रहे किसानों के नाम जमीन की जा सकेगी। मालिकाना हक के लिए उन्हें बाजार मूल्य के आधार पर जमीन की कीमत चुकानी होगी। शामलात जमीन वह होती है जो ग्राम पंचायत या ग्राम समुदाय के उपयोग के लिए आरक्षित होती है और जिसमें कोई निजी स्वामित्व नहीं होता। विधानसभा में विधेयक पारित
पंचायती जमीन पर काबिज लोगों को मालिकाना हक देने के लिए सोमवार को विधानसभा में हरियाणा ग्राम शामलात भूमि विनियमन संशोधन विधेयक-2024 पारित कर दिया गया। इसके साथ ही गांवों में 20 साल से शामलात जमीन पर खेती कर रहे किसानों और मकान बनाकर रह रहे ग्रामीणों को जमीन का मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है। विवादित जमीनों को वैध रूप से किसानों और ग्रामीणों के नाम किया जा सकेगा।
तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में पांच मार्च को हुई कैबिनेट बैठक में शामलात भूमि को 20 साल पहले पट्टे पर लेने वाले किसानों को मालिकाना हक देने के लिए निर्णय लिया गया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई और कानून में बदलाव नहीं किया जा सका। फिर 12 जुलाई को मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पंचायती जमीन पर 31 मार्च 2004 से पहले तक अधिकतम 500 वर्ग तक का घर बना चुके परिवारों के निर्माण वैध करने की मंजूरी दी गई। साथ ही खेती के लिए 20 साल के लिए पट्टे पर दी गई शामलात देह जमीन को शामलात देह के दायरे से बाहर रखने का निर्णय लिया गया।