कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना, माइनिंग पॉलिसी समेत लिए गए अहम फैसले
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पंजाब में अब अधिकारी अडाप्ट करेंगे स्कूल,
चंडीगढ़: पंजाब सरकार की आज हुई कैबिनेट मीटिंग में कई फैसलों को हरी झंडी दी गई। यह मीटिंग चंडीगढ में सीएम भगवंत मान की अध्यक्षता में उनके आवास पर हुई। सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा को दोबारा शुरू करने मंजूरी दी गई। इसी के साथ राज्य के 80 स्कूल ऑफ एमिनेंस को मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू करने का फैसला लिया गया है।
फाइनेंस मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के अंतर्गत 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को धार्मिक स्थलों की यात्रा करवाई जाएगी। सरकार ने इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का कोष आवंटित किया है। योजना के लिए पंजीकरण अप्रैल माह के अंत में प्रारंभ होगा और यात्राएं मई माह से शुरू होंगी। इसी के साथ चीमा ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार ने 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस की स्थापना की। इन स्कूल ऑफ एमिनेंस में 80 स्कूलों का विभाग ने चयन किया गया है। जिनमें स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम की शुरुआत की गई है, जिसके तहत पंजाब में तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अधिकारी एक-एक स्कूल को पांच साल के लिए गोद लेंगे। वे स्कूलों में जाकर बच्चों से रूबरू होंगे। इससे उनका स्कूलों के साथ भावनात्मक संबंध स्थापित होगा। विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे। इससे उनमें सिविल सेवा में जाने और देश सेवा की भावना विकसित होगी।
वहीं, मीटिंग में माइनिंग व क्रशर पॉलिसी 2023 के संशोधन को मंजूरी दी गई। इसमें डिमांड व सप्लाई के अंतर को कम करने, अवैध खनन रोकने, राजस्व बढ़ाने और लोगों को सस्ते रेट पर रेत बजरी मुहैया करवाने के लिए फैसला लिया है। इसमें पहले सार्वजनिक खनन स्थल और कॉमर्शियल खनन साइट को शामिल किया गया था। जबकि अब तीन नई कैटेगरी जोड़ी गई हैं। इसमें पहली कैटेगरी क्रशर खनन साइट शामिल की गई है। इस स्कीम में जिन क्रशर मालिकों के पास स्वयं की भूमि है, वे अपनी भूमि का उपयोग कर सकेंगे या पट्टे पर भूमि ले सकेंगे। वे सरकार को रॉयल्टी का भुगतान करेंगे। एक निश्चित सीमा तय की जाएगी, जिसके अनुसार वे खनन कर पाएंगे। दूसरी लैंड ऑनर कैटेगरी बनाई गई। इस कैटेगरी में जिन किसानों के खेतों में रेत उपलब्ध है, वे स्वयं भी रेत की बिक्री कर सकेंगे। वे समूह के माध्यम से या खुद स्थल पर बिक्री कर सकेंगे। सरकारी भूमि के संबंध में डीसी फैसला लेंगे।