पहलगाम में चुन चुन कर मारे गए हिन्दू
कलमा और आयत नहीं पढ़ पाए तो गोली मार दी
पहलगाम: पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जिन पर्यटकों की मौत हुई है उनके परिवार का रो रोकर बुरा हाल है। इनमें से अधिकतर लोग अपने परिवार के साथ खुशी के लम्हे बनाने टूरिस्ट बनकर पहलगाम गए थे लेकिन आतंकियों ने कायराना हरकत करके इन पर गोलियां बरसा दीं। मृतकों में कानपुर के शुभम द्विवेदी भी शामिल हैं, जिनकी दो महीने पहले ही ऐशान्या से शादी हुई थी। शुभम द्विवेदी के चचेरे भाई ने बताया कि भाभी ने भाई के गोली लगने की सूचना दी। चचेरे भाई ने कहा कि भाई और भाभी मैगी खा रहे थे कि तभी अचानक वर्दी में दो लोग उनके पास आए और पूछा क्या तुम मुसलमान हो? अगर हो तो कलमा पढ़ कर सुनाओ, जब जवाब सही नहीं मिला तो उनकी हत्या कर दी गई।
आतंकी हमले का शिकार बने पुणे के एक व्यवसासी की 26 वर्षीय पुत्री असावरी जगदाले ने बताया कि आंतकियों ने हमले के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोसा और उनके पिता 56 वर्षीय संतोष जगदाले को इस्लामी आयत पढने को कहा, जब वह नहीं पढ़ पाए तो उन पर गोलियां बरसा दीं। असावरी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके पिता व चाचा जिंदा हैं अथवा नहीं। पुणे में एचआर पेशेवर असावरी ने फोन पर बताया, हमारा पांच लोगों का एक समूह था, जिसमें मेरे माता-पिता भी शामिल थे। हम छुट्टियां बिताने आए थे।
चश्मदीदों के मुताबिक, आतंकी लोकल पुलिस की वर्दी में थे और चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे। पहले तो उन्होंने पर्यटकों से नाम पूछा, फिर धर्म, और उसके बाद जबरन कलमा पढने के लिए कहा। जो लोग कलमा नहीं पढ़ पाए या हिचकिचाए, उन्हें वहीं पर गोलियों से भून डाला गया। ज्यादातर निशाना हिंदू पुरुषों को बनाया गया।
