केंद्र सरकार के जन विरोधी बजट के विरोध में हिमाचल किसान सभा ने किया जोरदार प्रदर्शन
1 min readमंडी, अजय सूर्या : केंद्र सरकार के जन विरोधी बजट के विरोध में हिमाचल किसान सभा की जोगिंदर नगर इकाई के बैनर तले आज चौंतड़ा में सैंकड़ों किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में किसान नेता कुशाल भारद्वाज, रविंदर कुमार, सुदर्शन वालिया, मोहन सरवाल, नरेश धरवाल, भगत राम, हिमाल सिंह, नीलम वर्मा, पवन कुमार, कृष्ण चंद, सकीना देवी, विद्या देवी, सुनीता देवी, कृष्णा देवी व नौजवान सभा के संजय जमवाल सहित बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया।
बीडीओ ऑफिस तक जलूस निकालने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कुशाल भारद्वाज ने कहा कि मोदी सरकार का बजट पूरी तरह से गरीब विरोधी और अमीर परस्त है। केंद्रीय बजट किसानों और मेहनतकश वर्ग पर बड़ा हमला है। इसमें किसानों के लिए न कोई एमएसपी है, न कोई ऋण माफी है। केंद्रीय बजट में उर्वरक सब्सिडी में कमी की गई है। गरीबी बढ़ने के साथ-साथ काम की अत्यधिक मांग बढ़ने के बावजूद मनरेगा में कोई वृद्धि नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 मोदी सरकार के दिवालियापन को दर्शाता है, और दिखाता है कि यह अमीरों और कॉर्पोरेट क्षेत्र के हितों की रक्षा के लिए इतना प्रतिबद्ध है कि यह अर्थव्यवस्था में मंदी को दूर करने के लिए कोई वास्तविक नीति भी तैयार नहीं कर पा रहा है। सरकार और उसके वित्त मंत्री को न तो संकट की भयावहता और न ही उसका चरित्र दिखाई देता है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का बजट किसानों के लिए भी घोर निराश लेकर आया है। बजट में सभी फसलों के लिए सी2+50 प्रतिशत की दर से कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी की लंबित मांग की क्रूरतापूर्वक उपेक्षा की गई है। इसी तरह किसानों और खेत मजदूरों के लिए ऋण माफी के लिए कोई व्यापक योजना नहीं है।
कुशाल भारद्वाज ने कहा कि मनरेगा आवंटन में 85428.39 करोड़ रूपये है, जबकि पिछले साल यह 85279.45 करोड़ रूपये था। इसमें मात्र 148.94 करोड़ रूपये की वृद्धि हुई है। रोजगार सृजन और गांवों से शहरों की ओर पलायन को रोकने के बारे में बजट में कुछ नहीं कहा गया है। वर्तमान में मनरेगा के तहत दिए जाने वाले औसत कार्य दिवस मात्र 45 दिन हैं, जबकि वादा 100 दिन का था। मांग है कि 600 रूपये प्रतिदिन की मजदूरी के साथ 200 कार्य दिवस सुनिश्चित किए जाएं। एसकेएम की मांग है कि मनरेगा के लिए राशि को दोगुना करके 1,70,000 करोड़ रूपये किया जाए, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस जन-हितैषी, गरीब-हितैषी योजना के लिए राशि में लगातार कटौती की है।
किसान सभा ने मांग की कि 200 बड़े अरबपतियों पर 4 प्रतिशत वेल्थ टैक्स लगाया जाए तथा कॉरपोरेट टैक्स भी बढ़ाया जाए। कृषि ऊपज के लिए एम एस पी का प्रावधान तथा ऋण माफी का प्रावधान किया जाए। मनरेगा आबंटन 50 प्रतिशत बढ़ाया जाए, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए फंड आबंटन बढ़ाया जाए। पीडीएस के लिए सब्सिडी बढ़ाई जाए। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला व बाल विकास के लिए बजट आबंटन में वृद्धि की जाए। शिक्षा पर 6 प्रतिशत व स्वास्थ्य बजट में 3 प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए।
प्रदर्शन को रविंदर कुमार, नरेश धरवाल, मोहन सरवाल व नीलम आदि ने भी संबोधित किया।