खून में कोलेस्ट्रोल इकट्ठा होने से आता है हार्ट अटैक
खून में कोलेस्ट्रोल इकट्ठा होने से आता है हार्ट अटैक
आप अर्जुन की छाल से कर सकते हैं कंट्रोल
आचार्य बागभट्ट जी सुबह दूध पीने को मना करते हैं लेकिन जो सुबह हम चाय पीते हैं उसमें भी दूध का यूज होता है बाग़भट्ट जी के किसी भी सूत्र और शास्त्र में चाय का उल्लेख नहीं किया गया क्योंकि बाग़भट्ट जी 3500 वर्ष पहले हुए और चाय 250 साल पहले अंग्रेजों के द्वारा लाई गई। हाँ, लेकिन उन्होंने काढ़े का वर्णन किया है। वो कहते हैं जो काढ़ा हमारे वात पित्त और कफ को कम करे ऐसा कोई भी काढ़ा सुबह दूध में मिलाकर पिया जा सकता है। जैसे कि अर्जुन की छाल का काढ़ा वात रोग को सबसे ज्यादा कम करता है। यह रक्त की एसिडिटी को कम करता है जो कि शरीर की एसिडिटी से भी ज्यादा खतरनाक होती है और हार्ट अटैक का कारण बनती है। अर्जुन की छाल सबसे तेजी से रक्त की एसिडिटी को ख़त्म करता है इसलिए अर्जुन की छाल का काढ़ा पीयें।
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नवम्बर दिसम्बर जनवरी और फ़रवरी में वात सबसे ज्यादा होता है ठण्ड के दिनों में वायु का प्रकोप सबसे ज्यादा होता है और इस समय में अर्जुन की छाल का काढ़ा गर्म दूध में मिलकर पीयें तो औषधि का काम करेगा। याद रहे कि यह काढे की तासीर हमेशा गर्म होती है इसलिए इसे ठण्ड के समय में ही प्रयोग करें। हमारे देश में कोई भी ठंडा काढ़ा नही होता यदि आप सुबह दूध पीना ही चाहते हैं तो अर्जुन की छाल के काढे के साथ पीयें।
इससे आपको दो फायदे होंगे भविष्य में आपको हार्ट अटैक कभी नहीं होगा और अब तक आपने जो बेकार चीजें खाई हैं ये उसे शरीर से साफ़ कर देगा। क्योंकि यह छाल का काढ़ा रक्त को साफ़ करता है और शरीर में सबसे ज्यादा कचरा(कोलेस्ट्रोल) रक्त में ही होता है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि अर्जुन की चाय 50 रूपए किलो मिलती है, जो आप पंसारी की दुकान से ले सकते है और चाय 300 रूपए किलो मिलती है और 3000 रूपए किलो कॉफ़ी मिलती है इसलिए सुबह ठण्ड में चाय की जगह अर्जुन की छाल का काढ़ा दूध के साथ पीयें।
किस तरह करें इसका सेवनः
एक गिलास दूध और आधा चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर और अगर इसमें गुड़ मिलाएंगे तो बहुत अच्छा यदि गुड़ न मिले तो खांड या फिर बूरा (राजस्थान, बिहार, यू.पी. वाला चीनी वाला नहीं) ध्यान रहे चीनी का इस्तेमाल न करे अगर मिश्री मिले तो वह गुड़ से भी अच्छा होता है अगर सोंठ है तो उसे भी मिलाया जा सकता है जिससे वह और भी उत्तम क्वालिटी का बन जायेगा क्योंकि अर्जुन छाल और सोंठ दोनों ही वात नाशक है।
जाने कौन से रोगों से मिलेगा छुटकाराः
इसे पीने से हड्डियों के समस्त विकार एवं शरीर में वात के सभी रोग जैसे घुटने का दर्द, कंधे का दर्द, डाईबीटीस, हार्ट अटैक ये सब वात के रोग हैं शांत हो जाते है।
