क्या पाकिस्तानी सेना ने 3 पत्रकारों को दे दी है फांसी?
नई दिल्ली: बीते कुछ दिनों से पाकिस्तान के कुछ महशूर पत्रकार रहस्मय तरीके से गायब हैं। उनसे जुड़ी कोई जानकारी किसी के पास नहीं है। लेकिन इसी बीच ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर के इशारों पर इन पत्रकारों को अगवा किया गया और फिर इन्हें फांसी दे दी है। उनका दोष बस इतना था कि ये पत्रकार अपनी रिपोर्टिंग में पाकिस्तान का सच दिखाते थे। पाकिस्तानी हुक्मरानों को बेपर्दा करते थे। भारत के खिलाफ पाक फौज और आईएसआई की खूनी साजिश का पर्दाफाश करते थे। तभी पाकिस्तानी इन पत्रकारों को भारत का एजेंट करार देते थे। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या भारत का नाम लेने भर से शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानियों को फांसी दे दी है? पाकिस्तानी पत्रकार, सना अमजद, शोएब चौधरी, नाईला खान को लेकर दावा किया जा रहा है कि शहबाज शरीफ और जनरल आसिम मुनीर ने फांसी पर लटका दिया है। यानी सीधे मौत दे दी। पाकिस्तान के कुछ यूट्यूबर जो न किसी संस्था से जुड़े थे और न ही किसी चैनल से बस माइक लेकर पाकिस्तान की गली गली में घूमते थे। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि इन यूट्यूबर्स को सच दिखाने की पाकिस्तान से हिंदुस्तान की तुलना करने की सजा मिली। मशहूर पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने अपने चैनल पर खुद दावा किया कि उन्हें भी धमकी वाले कॉल आए। घर से उठाने की चेतावनी दी गई। आरजू काजमी सही सलामत हैं। लेकिन आरजू काजमी ने भी दावा किया कि पाकिस्तान के पत्रकारों को डराने धमकाने के साथ उन पर एक्शन लेना भी शुरू हो चुका है। पाकिस्तान में सना अमजद, शोएब चौधरी, नाईला खान जैसे यूट्यूब पत्रकारों के साथ कुछ तो गलत हुआ है और कोई न कोई अनहोनी तो हुई है। सना अमजद के यूट्यूब प्रोफाइल पर जाएंगे तो आपके देखेंगे की उसमें सबसे लेटेस्ट वीडियो दो हफ्ते पहले का है। 31 दिसंबर को पोस्ट किए गए आखिरी वीडियो में अफगानिस्तान के पाकिस्तान पर किए गए हमले का जिक्र है। मतलब ये कि 31 दिसंबर के बाद से सना अमजद ने अपने चैनल पर एक भी वीडियो पोस्ट नहीं किया है। नाइला पाकिस्तानी रिएक्शन नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाली पाकिस्तानी पत्रकार नाइला खान के चैनल पर आखिरी वीडियो तीन हफ्ते पहले डला है। 26 दिसंबर 2024 को अपलोड किया गया वीडियो भी अफगानिस्तान अटैक पर ही था। ठीक इसी तरह शोएब चौधरी के यूट्यूब चैनल पर आखिरी वीडियो दो हफ्ते पहले यानी 29 दिसंबर को डाला गया था। ये वीडियो पाकिस्तान पर टीटीपी के हमले से जुड़ी थी। गौर करने वाली बात ये है कि इससे पहले पाकिस्तान के सभी पत्रकार एक सप्ताह के भीतर दो से तीन वीडियो पोस्ट करते थे। जिनमें अलग अलग मुद्दों पर पाकिस्तानी आवाम का रिएक्शन होता था। लेकिन 31 दिसंबर के बाद से किसी भी पाकिस्तानी यूट्यूबर का वीडियो सामने नहीं आया है। तभी से आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तानी पत्रकार मीसिंग है।