फर्जी दूतावास का खुलासा: खुद को “राजदूत” बताने वाला हर्षवर्धन जैन गिरफ्तार, करोड़ों की नकदी और दस्तावेज बरामद
गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने गाजियाबाद के कविनगर इलाके में संचालित एक अवैध दूतावास का पर्दाफाश करते हुए मुख्य आरोपी हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है। वह एक किराए के मकान में खुद को “वेस्ट आर्कटिक”, “सबोरगा”, “पोल्विया”, “लोदोनिया” जैसे काल्पनिक या माइक्रोनेशन कहे जाने वाले देशों का काउंसलर/राजदूत बताकर धोखाधड़ी कर रहा था। एसटीएफ द्वारा की गई कार्रवाई में डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी चार गाड़ियां, माइक्रोनेशन देशों के 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की नकली मुहर लगे दस्तावेज, दो फर्जी पैन कार्ड, 34 विभिन्न देशों व कंपनियों की जाली मुहरें, दो जाली प्रेस कार्ड, करीब 44.70 लाख रुपये नकद, और कई देशों की विदेशी मुद्रा जब्त की गई है।
एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि हर्षवर्धन जैन न केवल फर्जी राजनयिक पहचान बनाकर लोगों को भ्रमित करता था, बल्कि इसके सहारे राजनयिक छूट, सुरक्षा, और प्रभाव का दुरुपयोग भी करता था। उसके पास कई विदेशी कंपनियों के दस्तावेज भी मिले हैं, जिनका इस्तेमाल वह व्यवसायिक और कूटनीतिक गतिविधियों की आड़ में कर रहा था।
हर्षवर्धन खुद को फर्जी देशों का राजदूत बताकर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली गाड़ियों में घूमता था और लोगों को गुमराह करता था कि वह एक अंतरराष्ट्रीय राजनयिक है। पूछताछ में उसने दावा किया कि वह इन “देशों” का वैध प्रतिनिधि है, लेकिन जांच में उसके सभी दस्तावेज फर्जी निकले।
यूपी एसटीएफ अब इस मामले की अंतरराष्ट्रीय एंगल से जांच कर रही है कि क्या आरोपी ने विदेशी नागरिकों या किसी नेटवर्क के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया है। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसने अब तक कितने लोगों को ठगा है और किन-किन विभागों या संस्थानों को गुमराह कर चुका है।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को हर्षवर्धन जैन से जुड़ी कोई जानकारी या उसके झांसे में आए पीड़ित हैं तो वे सामने आकर अपनी शिकायत दर्ज करवाएं।
यह मामला एक अभूतपूर्व धोखाधड़ी और सुरक्षा से जुड़े गंभीर सवाल खड़े करता है। राज्य और केंद्र की एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने में जुट गई हैं।
