July 22, 2025

350वीं शहीदी शताब्दी के उपलक्ष्य में शिमला में गुरमत समागम आयोजित

गुरु साहिब ने न केवल सिख धर्म के लिए, बल्कि समस्त मानवता की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी — एडवोकेट धामी

राज घई, आनंदपुर साहिब, श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के अवसर पर शिमला स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में एक विशाल गुरमत समागम का आयोजन किया गया। यह समागम शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से स्थानीय गुरुद्वारा कमेटी द्वारा करवाया गया।

समागम के दौरान रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन द्वारा संगत को जोड़ा, और सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथि सिंह ज्ञानी बलजीत सिंह ने गुरमत विचार साझा करते हुए गुरु साहिब के उपदेशों से संगत को जीवन जीने की प्रेरणा दी।

इस अवसर पर संगत को संबोधित करते हुए शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब की शहादत धार्मिक स्वतंत्रता और मानव अधिकारों की रक्षा के लिए एक बेमिसाल उदाहरण है। गुरु साहिब ने न केवल सिख धर्म, बल्कि समस्त कौमों की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। नौवें पातशाह सत्य, निष्कामता और त्याग के जीवंत प्रतीक हैं।

एडवोकेट धामी ने सम्मान की पारंपरिक विधियों पर विचार साझा करते हुए कहा कि सिरोपाओ (सम्मानस्वरूप वस्त्र) सिख परंपरा में अत्यंत सम्मानजनक होता है और इसे केवल सिंह साहिबान, महान व्यक्तित्वों, गुरमत प्रचारकों अथवा विशेष धार्मिक सेवाओं हेतु योगदान देने वालों को ही भेंट किया जाना चाहिए। आम तौर पर धार्मिक ग्रंथ अथवा “सिख रहित मर्यादा” देकर सम्मानित करने की परंपरा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि इसका मूल उद्देश्य बना रहे।

उन्होंने यह भी बताया कि शिरोमणि कमेटी हर वर्ष लाखों की संख्या में “सिख रहित मर्यादा” प्रकाशित कर संगत को निःशुल्क वितरित करती है। एडवोकेट धामी ने संगत से अपील की कि जब भी किसी को सम्मानित किया जाए, तो “रहित मर्यादा” जरूर भेंट की जाए, ताकि सिख सिद्धांतों और जीवनशैली के नियम हर घर तक पहुँच सकें।

इस मौके पर शिरोमणि कमेटी के अंतरिम सदस्य सरदार दलजीत सिंह भिंडर ने संगत से अपील की कि गुरु साहिब के जीवन से प्रेरणा लेकर मानवता की भलाई के लिए सदैव आगे आएं। उन्होंने कहा कि आज के समय में, जब भौतिकता और आपसी विभाजन बढ़ रहा है, गुरु तेग़ बहादुर साहिब का संदेश हमें एकता, दया और साहस की प्रेरणा देता है।

इस दौरान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने शिरोमणि कमेटी की ओर से गुरुद्वारा साहिब की इमारत निर्माण हेतु 10 लाख रुपये की सहायता राशि का चेक प्रबंधकों को सौंपा।

इससे पूर्व, बीते दिन के समागम में श्री अकाल तख़्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने भी हाज़िरी भरी।

समागम के अवसर पर ज्ञानी बलजीत सिंह, शिरोमणि कमेटी के अंतरिम सदस्य सरदार दलजीत सिंह भिंडर, सरदार अमृतपाल सिंह कुलार, तख़्त श्री केसगढ़ साहिब के प्रबंधक सरदार गुरदीप सिंह कंग, अतिरिक्त प्रबंधक सरदार हरदेव सिंह, गुरुद्वारा सिंह सभा शिमला के प्रधान सरदार जसविंदर सिंह, सरदार कर्नैल सिंह और सिख मिशन हिमाचल प्रदेश के प्रभारी भाई गुरदीप सिंह आदि उपस्थित रहे।