गरीबों के आशियाने के सपने को साकार कर रही है सरकार
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ऊना जिले में दो साल में बने 174 मकान, 2.61 करोड़ की दी सरकारी मदद
रजनी, ऊना: हर व्यक्ति के जीवन में एक सपना होता है…अपने सिर पर एक पक्की छत हो, अपना एक ऐसा आशियाना हो जहां ज़िंदगी सुकून से बीते, परिवार साथ हंसे-बसे, और हर कोना खुशियों से गुलज़ार हो। लेकिन जब आर्थिक तंगी और सामाजिक सीमाएं उस सपने को हकीकत बनने से रोकती हैं, तब सरकार का सहारा किसी वरदान से कम नहीं होता।
हिमाचल सरकार स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के माध्यम से ऐसे ही हजारों परिवारों के अपने पक्के मकान के सपने को साकार कर रही है। यह योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के उन पात्र परिवारों को पक्के मकान के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके पास खुद की जमीन है लेकिन संसाधनों की कमी उन्हें एक मजबूत छत से वंचित रखती है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गरीबों, जरूरतमंदों और वंचित तबकों के जीवन में बड़ा सुधार लाने को लगातार सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उनका इस ओर विशेष जोर है कि गरीबों-वंचितों को समुचित सरकारी सहायता प्रदान की जाए। उनके दिशा निर्देशों के अनुरूप ऊना जिले में सभी पात्र लोगों को योजना में कवर करने के लिए काम किया जा रहा है।
ऊना की जिला कल्याण अधिकारी अनीता शर्मा बताती हैं कि बीते दो वर्षों में जिले में इस योजना के तहत 174 मकान बनाने के लिए लगभग 2.61 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है, जिससे गरीब और जरूरतमंद परिवारों के पक्के मकानों का सपना साकार हो पाया है।
इस योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को 1.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता उन व्यक्तियों को दी जाती है जिनके नाम पर भूमि पंजीकृत हो और वे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अथवा अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंध रखते हों।
उपायुक्त ऊना जतिन लाल का कहना है कि जिले के प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक सरकार की आवासीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के अंतर्गत विशेष प्रयास किए गए हैं ताकि कोई भी योग्य परिवार इस लाभ से वंचित न रह जाए।