December 23, 2025

स्वर्ण जयंती आश्रय योजना से घर का सपना हो रहा साकार

मंडी जिला में दो वर्षों में 5.34 करोड़ की वित्तीय सहायता स्वीकृत

अजय सूर्या, मंडी, प्रदेश सरकार की स्वर्ण जयंती आश्रय योजना लोगों के जीवन में खुशियों के रंग भर रही है। इस योजना से प्रदेश सहित मंडी जिला में भी गरीब व जरूरतमंद लोगों का घर बनाने का सपना साकार हुआ है।

योजना के लाभार्थी मान सिंह सदर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत साईगलू के नालसन गांव में रहते हैं। उन्होंने बताया कि परिवार सहित एक कच्चे कमरे में जीवन-बसर कर रहे थे। बरसात में पानी कमरे में भर जाता तो बहुत परेशानी होती। मेहनत-मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाते हैं और जो थोड़ा-बहुत जमा पैसा था, बेटी की शादी में लगा दिया। ऐसे में मकान बनाने की सोचें भी तो कैसे। फिर एक दिन पंचायत में स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के बारे में बताया। फॉर्म भरा और कल्याण विभाग मंडी में जमा करवा दिया। सरकार की ओर से मकान के लिए डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई, जिसकी बदौलत दो पक्के कमरों का मकान बनाया।

बीर-तुंगल के हरि सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। चार बेटियों व एक बेटे के परिवार के साथ कच्चे मकान में दिन काट रहे थे। बरसात में अनहोनी की आशंका बनी रहती। इसी बीच उन्हें इस योजना के बारे में जानकारी मिली। सरकार की ओर से डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक सहायता मिली और साथ में मकान बनाने का हौसला भी। अपनी मेहनत की कमाई को शामिल करते हुए अब चार कमरों का पक्का मकान तैयार कर लिया है। गरीब लोगों की मदद को सरकार की ओर से योजना बनाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार जताया है।

बग्गी पंचायत के गांव सुक्का कून निवासी लाभ सिंह बताते हैं कि पहले वह अपने परिवार सहित कच्चे मकान में रहते थे। उन्हें ग्राम पंचायत में इस योजना के बारे में पता चला। सरकार से उन्हें आर्थिक सहायता मिली जिससे तीन पक्के कमरे बनाए, जिसका लेंटर पड़ चुका है। अब बरसात या गर्मी की कोई चिंता नहीं है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार से आर्थिक सहायता नहीं मिलती तो शायद पक्का मकान बनाने का सपना अधूरा ही रह जाता।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिला में गत दो वर्षो में स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के 356 परिवारों को मकान बनाने के लिए 5.34 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई है। वर्ष 2023-24 में अनुसूचित जाति के 187 परिवारों को मकान बनाने के लिए लगभग 2.80 करोड़ रुपए, अनुसूचित जनजाति के 03 मकानों के लिए 4.50 लाख और अन्य पिछड़ा वर्ग के 06 मकानों लिए 9 लाख रुपए का आवंटन किया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2024-25 में जिला में अनुसूचित जाति के 151 लाभार्थियों को मकान बनाने के लिए 2.27 करोड़ रुपए, अनुसूचित जनजाति के 03 मकानों के लिए 4.50 लाख रुपए और अन्य पिछड़ा वर्ग के छह परिवारों को मकान बनाने के लिए 9 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदनकर्ता हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। उसकी वार्षिक आय 50 हजार रुपये से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। राजस्व रिकॉर्ड में उसके नाम पर मकान बनाने के लिए जमीन होनी चाहिए तथा उसके पास अपना मकान नहीं होना चाहिए।

निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन भर कर वार्षिक आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, हिमाचली प्रमाण-पत्र, जिस जमीन पर मकान बनाना है, उसकी जमाबंदी नकल और ततीमा, ग्राम सभा का प्रस्ताव साथ लगाना आवश्यक है।

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