गर्मियों में चलने वाली सब्जियों के लिए किसान हाईब्रीड पनीरी लगाकर या अनुसन्धान केंद्र जाच्छ से खरीद कर अपनी आर्थिकी बढ़ा सकते है:- डॉ विपन गुलेरिया
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रघुनाथ शर्मा बेबाक़, नूरपुर: सर्दी का मौसम अब जाने को है ओर गर्मी आने वाली है यह समय गर्मियों में चलने वाली सब्जियों जैसे भिंडी, करेला, बैंगन, कुकरबीट्स, खीरा, मटर व टमाटर जैसी फसलें आती गर्मी में लगाई जाती है। यह जानकारी मीडिया से सांझ करते हुए डॉ बाई एस परमार अनुसन्धान केंद्र जाच्छ के निदेशक डॉ विपन गुलेरिया ने कहे।
डॉ गुलेरिया ने आगे कहा कि उपरोक्त सारी सब्जी की फसलें लंबे समय तक चलने वाली होती है इस लिए अनुसन्धान केंद्र में उगाई जाती हैं व अनुसन्धान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा किसान भाइयों को भी समय समय पर सलाह दी जाती है। उन्होंने बताया कि यह ऐसी फसलें है जो किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में काफी सहायक होती है क्योंकि इन सब्जियो के बाजार में काफी अच्छे दाम किसान भाइयों को मिल जाते है। डॉ गुलेरिया ने बताया कि निचले क्षेत्रों में इन सब्जियों को लगाने के लिए इनकी पनीरी जनवरी-फरवरी में ही लगानी पड़ती है। जो हमारा अनुसन्धान केंद्र विभिन्न टेस्टों के साथ पनीरी उगाकर क्षेत्र के किसान भाइयों को उपलब्ध करवाते है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 20 से 25 हजार की पौध पनीरी हम किसानों को उपलब्ध करवा चुके है और केंद्र के पास ओर भी बहुत सी मांग अभी भी आ रही है। उन्होंने कहा कि हम कई वर्षों से क्षेत्र की किसानों-बागवानों से जुड़े हुए है इस लिए किसान-बागवान बेझिझक हमारे केंद्र से सब्जियों की पनीरी याँ कोई मौसमी फलदार पौधा लेकर जाता है।
डॉ गुलेरिया ने बताया कि टमाटर की तीन-चार किसमे, बहुत अच्छा गेंदा फूल की किस्म, नारंगी व जाफरी जैसी बहुत सी वैरायटी हम किसानों को उपलब्ध करवाते है।
उसके बाद डॉ गुलेरिया मीडिया को धरातल पर यहाँ बैज्ञानिक सब्जियो पर अनुसन्धान करके पनीरी उगाते है वहां लेकर गए और वहां की इंचार्ज डॉ रेणु कपूर ने मीडिया को उपरोक्त सारी सब्जियों की पनीरी के उगाने की बिधि, उनकी देखभाल व पनीरी को जमीन में रोपने की बिधि को धरातल पर विस्तार पूर्वक दिखाया , समझाया व बताता की कैसे अनुसन्धान केंद्र के कर्मचारी छोटी छोटी पोली थैलियों में मिट्टी, रेत व गोवर के मिक्सचर में बड़ी सावधानी से इन सब्जी की पनिरिओं को तैय्यार करते है।
डॉ रेणु कपूर ने कहा कि किसान भाई अपने घर मे यह सारी पनीरी तैयार कर सकते है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बेल वाली सब्जियां लौ कॉस्ट पोली बेग में तैयार की जा सकती है जिसमे किसान भाइयों का ज्यादा खर्च भी नही आएगा। डॉ रेणु कपूर ने बताया कि पोली कप में भी बेल वाली सब्जियों की पनीरी को लगाया जा सकता है अगर किसान भाइयों के लिए यह भी मुमकिन नही तो हमारे डॉ बाई एस परमार अनुसन्धान केंद्र जाच्छ से सीधे भी खरीदी कर सकते है। और अपनी आर्थिकी में इज्जाफ़ा कर सकते है।