December 21, 2025

गर्मी की वजह से फरवरी-मार्च में ही न झुलसने लग जाएं फूल और पौधे

गर्मी के मौसम में पौधों को तपन और झुलसने से बचाने के लिए ठंडी खाद का काफी इस्तेमाल किया जाता है। वैसे आप सोच रहे होंगे कि आखिर ठंडी खाद होती क्या है। तो, आपको बता दें कि यह एक ऐसी खाद है जो गर्मी के मौसम में पौधों को ठंडा रखने का काम करती है। इस मौसम में सी वीड, गोबर की खाद, पत्तियों से बनी खाद, फल और सब्जियों के छिलकों से बनी खाद काफी काम आती है।

गर्मी के मौसम में पौधों को तपन और झुलसने से बचाने के लिए ठंडी खाद का काफी इस्तेमाल किया जाता है। वैसे आप सोच रहे होंगे कि आखिर ठंडी खाद होती क्या है। तो, आपको बता दें कि यह एक ऐसी खाद है जो गर्मी के मौसम में पौधों को ठंडा रखने का काम करती है। इस मौसम में सी वीड, गोबर की खाद, पत्तियों से बनी खाद, फल और सब्जियों के छिलकों से बनी खाद काफी काम आती है।

समय पर मिट्टी में डाल दीजिए 4 ठंडी चीजें

गर्मी के मौसम में पौधों को तपन और झुलसने से बचाने के लिए ठंडी खाद का काफी इस्तेमाल किया जाता है। वैसे आप सोच रहे होंगे कि आखिर ठंडी खाद होती क्या है। तो, आपको बता दें कि यह एक ऐसी खाद है जो गर्मी के मौसम में पौधों को ठंडा रखने का काम करती है। इस मौसम में सी वीड, गोबर की खाद, पत्तियों से बनी खाद, फल और सब्जियों के छिलकों से बनी खाद काफी काम आती है।

इन खाद की वजह से पौधों को पोषक तत्व के साथ ही ठंडक भी मिलती है। गर्मियों के दिनों में ज्यादातर लिक्विड खाद का ही इस्तेमाल करना चाहिए। इनमें नाइट्रोजन, कैल्शियम, सल्फर, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो पौधे को अच्छा पोषण देते हैं, जिससे पौधे बढ़ते हुए तापमान में भी नहीं झुलसते हैं। ऐसे में हम आपको 4 ठंडी खाद बनाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं।सबसे आसानी से उपलब्ध होने के वाली खाद में सबसे पहले नाम गोबर की खाद का नाम आता है। जो, होम गार्डनिंग के लिए आसानी से मिल जाएगी। इसे बनाने के लिए गाय का गोबर से बने कंडे को एक बाल्टी पानी में डालकर ढक दें और 3 दिन के लिए रखे रहने दें। 3 दिन बाद दूसरे बर्तन में छान कर इस मिश्रण को हर 2 से 3 दिन में मिट्टी में मिलाते जाएं। चाहें तो इसके पानी को लिक्विड खाद के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।मलाई से घी बनाने के बाद निकलने वाली छाछ से आप लिक्विड खाद भी बना सकते हैं। इसके लिए घर में तैयार छाछ को प्लास्टिक की बाल्टी में भरकर उसमें कोई तांबे का बर्तन डाल 10 दिन के लिए रख दीजिए। तय समय बाद 200 मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाकर 500 मिली लीटर हर में पौधे में डालने के लिए इस्तेमाल करें।ठंडी खाद के तौर पर नीम की खली का भी इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल यह पौधे में नाइट्रोजन की उपलब्धता को बढ़ाती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए 50 प्रतिशत बगीचे की मिट्टी, 30 प्रतिशत गोबर की खाद, 20 प्रतिशत नीम की खली का मिश्रण बना लें। अब इसमें हल्का-हल्का पानी छिड़कें। इसके बाद आप पौधों में इस्तेमाल कर सकते हैं। सूखकर जमीन पर गिरने वाली पेड़-पौधों की पत्तियां की भी खाद बनाई जा सकती है, जो जैविक खाद कहलाती है। यह मिट्टी को उपजाऊ बनाने का काम करती है। इसमें ज्यादा से ज्यादा पानी सोखने की क्षमता होती है। गर्मियों में पौधों की जड़ों को ठंडा रखने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। एक पौधे में एक मुट्ठी खाद डालें और उसे चारों तरफ फैलाएं और फिर हल्की सिंचाई कर दें।

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