सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार पर जिला स्तरीय सलाहकार समिति (डीएलएसी) की पांचवीं बैठक आयोजित
एडीसी मंडी निवेदिता नेगी ने की अध्यक्षता
अखबार में लपेट कर तले हुए खाद्य पदार्थों की बिक्री न करे: एडीसी
शिवालिक पत्रिका, मंडी , सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार पर जिला स्तरीय सलाहकार समिति (डीएलएसी) की पांचवीं बैठक एडीसी मंडी निवेदिता नेगी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 व भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण () द्वारा बनाए गए नियमों और विनियमों के प्रभावी कार्यान्वयन पर चर्चा हुई।
एडीसी ने अधिकारियों को बाजार में बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों के मानकों की कड़ाई से जांच करने के लिए निरीक्षण दल भेजकर बाजार में स्वच्छ भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी दुकानदार अखबार में लपेट कर तले हुए खाद्य पदार्थों की बिक्री न करे। कचौरी, समोसा या अन्य खाद्य पदार्थों के तलने के लिए इस्तेमाल होने वाले तेल में पोलर पदार्थ की मात्रा 25 प्रतिशत से ज्यादा होने पर उसका इस्तेमाल न हो।
उन्होंने कमेटी को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि आने वाली गर्मियों में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के मानकों के अनुरूप बोतल बंद पानी की बिक्री की जाए। अगर टैंकर से पानी लाकर बेचा जाता है तो उसका भी समय समय पर निरीक्षण किया जाए। मीट की दुकानों का भी निरीक्षण किया जाए। इसके लिए जो नियम हैं कि दुकान 3 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए, कटिंग टूल स्टेनलैस स्टील के होने चाहिए और वहां पर कोई जिंदा जानवर नहीं होना चाहिए। मीट की दुकान पर केवल कच्चा या पका हुआ मीट ही विक्रय किया जा सकता है, की पूरी तरह पालना सुनिश्चित की जाए।
अधिकारियों ने खाद्य सुरक्षा मापदंडों की स्थिति और जनता के लिए सुरक्षित और स्वस्थ भोजन सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से अवगत कराया। उन्होंने एडीसी को ईट राइट जैसी पहलों के बारे में बताया जो लोगों को स्वच्छ और स्वस्थ भोजन खाने से अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभाग द्वारा शुरू की गई है। इसके अंतर्गत माता नैना देवी मंदिर, मुरारी देवी मन्दिर और रिवालसर व मंडी के गुरुद्वारों को पंजीकृत किया गया है। जबकि हनोगी, पराशर और मात्रीपुर भैरवा मंदिर के पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके अंतर्गत वहां पर बांटा जाने वाला प्रसाद पूरी तरह खाने के लिए सुरक्षित होगा।
उन्होंने सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार खाद्य मानकों को सुनिश्चित करने के लिए खाद्य क्षेत्र में शामिल सभी हितधारकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशालाओं और जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन पर भी जोर दिया।
बैठक में बताया गया कि खाद्य सुरक्षा विंग ने पिछले नौ महीनों में 363 से अधिक नमूने लिए हैं। जिनमें से 252 की रिपोर्ट आ गई है। इनमें 121 नमूने घटिया, असुरक्षित और गलत ब्रांडेड पाए गए हैं। इस दौरान 32 उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा चलाया गया, जिनमें से 16 मामलों का एडीएम कोर्ट में निर्णय हुआ है और इन्हें 2,30,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। सहायक आयुक्त फूड सेफ्टी द्वारा 29 मामले कम्पाउंड किए गए जिनमें 3.04 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया।
अब तक 3678 खाद्य व्यवसाय संचालकों को फूड लाइसेंसिंग के दायरे में लाया गया है। 322 को नए लाइसेंस जारी किए गए और दो लाइसेंस निलंबित किए गए।
ईट राइट स्कूल भी जमीनी स्तर पर लागू किया जा रहा है।
बैठक में सहायक आयुक्त फूड सेफ्टी एलडी ठाकुर, एमओएच डाॅ दिनेश ठाकुर, उपनिदेशक शिक्षा अमर नाथ, डीएफएससी पवन कुमार, फूड सेफ्टी अधिकारी वर्षा ठाकुर और सचिन लखनपाल, प्रबंधक डीआइसी विनय वर्मा उपस्थित रहे।