गवानी व सब्जी उत्पादन से किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी: डॉ राजेन्द्र
1 min read🔸गांव छारा में बागवानी विभाग के तत्वावधान में किसान जागरूकता शिविर आयोजित
निकटवर्ती गांव छारा में बुधवार को बागवानी ‘जागरूकता अभियान के तहत विशेष शिविर का आयोजन किया, जिसमें गांव व आसपास के कई किसानों ने भाग लिया। जागरूकता शिविर में उपनिदेशक उद्यान विभाग डॉ पिंकी यादव ने किसानों को बागवानी विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ राजेन्द्र सिंह ने किसानों से आह्वान किया कि वे अन्य फसलों के अलावा बाग एवं सब्जी फसल लगाने के प्रति रुझान बढ़ायें क्योंकि बाग एवं सब्जी फसलों की काश्त से अन्य फसलों की तुलना में अधिक आय प्राप्त होती है।
इस दौरान उद्यान विकास अधिकारी डा नीतू यादव ने किसानों को बताया कि बागवानी विभाग द्वारा नये बागों हेतू 43 हजार रुपये प्रति एकड़ व मसालों की खेती पर 15 हजार रुपये प्रति एकड़, फूलों की खेती पर चार हजार से 64 सौ रूपये प्रति एकड़ एवं एकीकृत सब्जी उत्पादन हेतु 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की सहायता प्रदान की जा रही है। बागों में मुख्यत अमरूद, सिटरस एवं बेर के बागों के पौधा रोपण पर सहायता प्रदान की जा रही है। बांस के सहारे सब्जी की खेती, लॉ टनल व ड्रीप पद्धति पर सब्जी उत्पादन हेतु सहायता दी जा रही है।अनुसुचित जाति के किसानों हेतु बांस के सहारे सब्जी की खेती, एकीकृति सब्जी उत्पादन, मशरूम ट्रे व मशरूम झोपड़ी मद में 85 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। लाभार्थी को स्कीम का लाभ लेने हेतु हार्टनेट पोर्टल पर स्वयं को पंजीकृत करते हुए मेरी फसल मेरा ब्यौरा के विवरण सहित सभी दस्तावेज उद्यान विकास अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करने होगें।
इस अवसर पर पुष्प एवं बीज उत्पादन तकनीकी उत्कृष्टता केन्द्र, मुनीमपुर के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ हेमन्त सैनी ने फूलो की खेती एवं केन्द्र पर चल रही योजनाओं के बारे में किसानों को जानकारी दी।
डॉ सतपाल यादव, वैज्ञानिक क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र, महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय, रईया द्वारा किसानों को बाग लगाने की विधि एवं कौन-2 सी सावधानियां बाग लगाने हेतू ध्यान में रखनी चाहिए, सब्जियों की खेती बारे विस्तार पूर्वक बताया। उन्होने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों व वैज्ञानिकों के परस्पर सहयोग से सही तकनीक का उपयोग करें ताकि कम खर्च से अधिक आय प्राप्त कर सके।
इस अवसर पर विभिन्न गांवों के प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।