मवा कोहलां में प्रसिद्ध हिमाचली गायक पम्मी ठाकुर ने बांधा समां
ऊना /सुखविंदर /2 जुलाई/:- गगरेट विधानसभा क्षेत्र के मवा कोहलां के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल डेरा बाबा फकीर चंद के आश्रम में आज हिमाचल प्रदेश के सुप्रसिद्ध गायक पम्मी ठाकुर ने अपनी सुरीले भजनों से श्रद्धालुओं को नाचने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर दूर दूर से आए भक्तों ने भी पम्मी ठाकुर के भजनों का आंनद लिया। पम्मी ठाकुर ने काम बंदेया तेरे मुकने नईयो,बंदा मुकदा मुकदा मुकी ओ गया,डूगी डूगी नदियां पुराना बेहा बेड़ा,रूड़दी मैं रूड़दी जां, पास तां खड़ा मेरा टब्बर कबीला, किसी ना फड़ी मेरी बां, आदि भजन गाकर मानव जीवन के विषय में पूरा ज्ञान दिया। जब पत्रकारों ने इनसे पूछा कि आपको गायकी का शौक कैसे हुआ तब पम्मी ठाकुर ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वह हमीरपुर के छोटे से गांव तेलकड़ के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बचपन में ही गाने का बहुत शौक था। पम्मी ठाकुर के कहा कि उनके पिता ने भारतीय सेना में रहकर देश सेवा की है और मेरे पिता सेना से आनरेरी कैप्टन सेवानिवृत्त हैं। पम्मी ठाकुर ने बताया कि उन्होंने 2006 में संगीत की दुनिया में कदम रखा था। पम्मी ठाकुर ने बताया कि उन्होंने लगभग 5 साल हमीरपुर में संगीत की बारिकियों को सीखा। उन्होंने कहा कि उनकी सबसे पहली एलबम रामा ओ रामा थी। पम्मी ठाकुर ने लोगों को संदेश देते हुए बताया कि सिर्फ भगवान के नाम से ही जीवन का बेड़ा पार हो सकता है। जैसे कि मेरे भजन ,,डूगी डूगी नदियां पुराना बेहा बेड़ा रूड़दी जां,पास तां खड़ा मेरा टब्बर कबीला, किसी ना फड़ी मेरी बां इस भजन के माध्यम से यह संदेश देने जा रहा हूं कि इस जीवन में सिर्फ भगवान का सिमरन ही साथ जाएगा अन्यथा कोई रिश्ते नाते साथ नहीं निभाएंगे।
