रोजगारपरक शिक्षा आज के समय की जरूरत:राज्यपाल
1 min read कौशल और निपुण युवा के जीवन में बेरोजगारी नहीं आएगी आड़े, बोले राज्यपाल दत्तात्रेय
शिवालिक पत्रिका, चंडीगढ़, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि रोजगारपरक शिक्षा आज के समय की जरूरत है ताकि शिक्षा पूरी करने उपरांत विद्यार्थियों को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिल सके और युवा आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से लागू की गई नई शिक्षा नीति का ध्यान इस पर केन्द्रित है कि विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को इस तरह से प्रशिक्षित करें कि उनको रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिल सकें। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय मंगलवार को इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर के द्वितीय दीक्षांत समारोह में दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ करने उपरांत संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में नई शिक्षा नीति महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। नई शिक्षा नीति में शिक्षा प्रणाली को पुनर्गठित किया गया है। इसके लिए मौजूदा पाठ्यक्रमों में व परम्परागत नीतियों में बदलाव व विद्यार्थियों में क्रिटिकल थिंकिंग और समस्याओं को सुलझाने वाले कौशल का विकास करना शामिल है। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है जिस भी युवा के पास कौशल और निपुणता होगी उसके जीवन में बेरोजगारी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि विद्यालय, महाविद्यालय व विश्वविद्यालय कौशल विकास पर फोकस रखते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाएं। पाठ्यक्रम में नवाचार को शामिल करें।
राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि भारत के शिक्षा तंत्र की लंबे समय से यह कहकर आलोचना की जाती रही है कि यहां की शिक्षा महज रटने की प्रणाली पर आधारित है। इसका पाठ्यक्रम आउट डेटेड है और इसमें शोध व नवाचार के ज्यादा अवसर नहीं हैं। इस पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में डिजिटल शिक्षा व कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है कि हरियाणा सरकार ने डिजिटल पब्लिक लाइब्रेरी ई-ग्रंथ कोष का शुभारंभ किया है। इसमें उपयोगकर्ता के लिए मुफ्त ई-संसाधनों जैसे लगभग छह करोड़ ई-बुक्स, तीन लाख वीडियो और ऑडियो, दस लाख पत्रिकाएं, तेईस हजार पाठ्यक्रम सामग्री, छह हजार ई-पत्रिकाएं और पचपन ई-समाचार-पत्र एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाए गए हैं। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को नए जमाने के रोजगार अवसरों के लिए तैयार करना है। एक अनुमान के अनुसार दो हजार तीस तक इस क्षेत्र में पांच करोड़ अतिरिक्त रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगें। उन्होंने आईजीयू समिति का आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर इन अवसरों का लाभ दिलावाएं।
सरकार ने नए बजट में उच्चतर शिक्षा के लिए आवंटित किए 20 हजार 250 करोड़ रुपए-राज्यपाल
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हरियाणा के विश्वविद्यालयों में उद्योगों की जरूरतों के अनुसार उद्यमों और विश्वविद्यालय की आपसी साझेदारी के साथ विद्यार्थियों को ऑन जॉब ट्रेनिंग के अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। आज के दौर में हमें इसी प्रशिक्षण की सबसे अधिक आवश्यकता है। इसी प्रक्रिया में विद्यार्थियों को कला, मानविकी, विज्ञान और कौशल आधारित पाठ्यक्रमों के समावेश वाली विविधतापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था भी इस शिक्षा नीति के तहत सुनिश्चित की गई है। नई शिक्षा नीति के इन चमत्कारिक पहलुओं का फायदा उठाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस शिक्षा नीति को साल 2025 तक ही लागू करने का निर्णय लिया है जबकि पूरे देश में इसे लागू करने की समय सीमा 2030 रखी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से शिक्षा के लिए नए बजट में लगभग अठारह प्रतिशत की वृद्धि करते हुए बीस हजार दो सौ पचास करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
नए चरण का शुभारंभ है दीक्षांत समारोह।
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह केवल शैक्षणिक डिग्री के वितरण का कार्यक्रम नहीं है और न ही यह शिक्षा का अंत है। यह तो नए चरण का शुभारंभ है जहां से विद्यार्थी शैक्षणिक संस्थाओं से प्राप्त सैद्धान्तिक ज्ञान का उपयोग अपने व्यवहारिक जीवन में करने के लिए आगे बढ़ते हैं। विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों, संस्थानों तथा औद्योगिक इकाईयों से समझौता ज्ञापन किए गए है।
बेटियां नहीं किसी से कम, हर क्षेत्र में दिखा रहीं दमखम रू राज्यपाल।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि आज भी हमारे समाज की सोच बेटियों को लेकर विडम्बनापूर्ण एवं विसंगतिपूर्ण है। बेटी को न पढ़ाना, उन्हें जन्म से पहले मारना, घरेलू हिंसा, दहेज को लेकर बेटियों पर अत्याचार करना हमारे समाज पर कलंक है। हमें यह समझना जरूरी है कि बेटियां बोझ नहीं होती, बल्कि आपके परिवार, समाज एवं राष्ट्र का एक अहम हिस्सा होती हैं, एक बड़ी ताकत होती है। आज बेटियां चांद तक पहुंच गई है, कोई भी क्षेत्र हो बेटियों ने अपना दमखम दिखा दिया है और बता दिया है कि वे किसी से कम नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर बड़ी संख्या में छोटे शहरों और गांवों की लड़कियां पढ़-लिखकर देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वे उन क्षेत्रों में जा रही हैं, जहां उनके जाने की कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा कर रही है। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर देश-प्रदेश को गौरवान्वित कर रही हैं। हमारे देश के राष्ट्रपति के सर्वाेच्च पद को सुशोभित करने वाली भी एक महिला ही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का संदेश पढकऱ सुनाया गया। राज्यपाल ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया।
दीक्षांत समारोह में अस्सी पी.एच.डी., आठ एम.फिल., बारह संकायों के चौबीस विभागों के सात सौ दस स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को डिग्री प्रदान की गई तथा दो सौ बारह विद्यार्थियों को उनकी उत्कृष्ट अकादमिक उपलब्धियों के लिए पदक एवं पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के एक सौ अड़तालीस विद्यार्थियों में नेट की परीक्षा और तीरासी विद्यार्थियों ने जे.आर.एफ. की परीक्षा पास की।
इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जयप्रकाश यादव ने कार्यक्रम में पहुंचने पर कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय का स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर आधारित रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस अवसर पर समारोह में हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव, विधायक कोसली लक्ष्मण सिंह यादव, विधायक अटेली सीताराम यादव, कुलसचिव प्रो. प्रमोद शर्मा, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष वीपी यादव, एडीजीपी एम.रविकिरण, डीसी मोहम्मद इमरान रजा, एसपी दीपक सहारण सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।