आर्मी मूवमेंट की कवरेज न करें मीडिया संस्थानः केंद्र सरकार
नई दिल्ली: पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। पाकिस्तान को पता है कि भारत इस कायराना हरकत का जवाब अवश्य देगा इसलिए पाक पीएम ने कहा कि हम पहलगाम हमले की जांच में सहयोग को तैयार हैं। वहीं केंद्र सरकार ने शनिवार को देश के मीडिया चैनलों से रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण करने से बचने की सलाह दी है और कहा कि इस तरह की रिपोर्टिंग से जाने-अनजाने में दुश्मनों को मदद मिल सकती है। इस निर्देश से स्पष्ट है कि कुछ बड़ा होने वाला है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से जारी सलाह में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों से संबंधित मामलों पर रिपोर्टिंग करते समय अत्यधिक जिम्मेदारी का प्रयोग करें और मौजूदा कानूनों और विनियमों का सख्ती से पालन करें। दूसरी तरफ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जांच की बात कर रहे हैं और दूसरी ओर पाकिस्तान की फौज ने लगातार दूसरे दिन एलओसी पर गोली बारी की।
भारतीय फौज ने इसका जवाब दिया। नुकसान की खबर नहीं हैं। सलाह में यह भी कहा गया है कि संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों की सहायता कर सकता है और परिचालन पर प्रभाव और कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। सलाह में कारगिल युद्ध, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों और कंधार अपहरण जैसी पिछली घटनाओं का हवाला दिया गया, जब कवरेज ने राष्ट्रीय हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले थे।
