छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के विरुद्ध निर्णायक जंग जारी
5 हजार सुरक्षाबलों ने 300 नक्सलियों को घेरा, अब तक पांच ढेर
सुकमा: छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र बॉर्डर पर नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ा और निर्णायक ऑपरेशन जारी है। बीते 16 घंटों से चल रही इस कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने 300 से अधिक नक्सलियों को कर्रेगट्टा, नडपल्ली और पुजारी कांकेर की पहाड़ियों पर घेर लिया है। इस ऑपरेशन में हिड़मा, देवा और दामोदर जैसे कुख्यात नक्सली कमांडर सुरक्षाबलों के निशाने पर हैं। करीब 5,000 जवान ऑपरेशन में लगे हुए हैं और लगातार फायरिंग जारी है। सुरक्षाबलों ने अब तक पांच नक्सलियों को मार गिराया है।
बीजापुर जिले से मिली जानकारी के अनुसार, नक्सलियों ने इलाके में 100 से ज्यादा आईईडी बिछाए हैं। सुरक्षाबलों की ओर से पहले डी-माइनिंग की कार्रवाई की जा रही है। कर्रेगट्टा की पहाड़ियों पर ड्रोन और सेटेलाइट के माध्यम से लगातार निगरानी रखी जा रही है। सीआरपीएफ, डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा, ग्रेहाउंड और सी-60 जैसे विशेष बल संयुक्त रूप से ऑपरेशन में भाग ले रहे हैं।
हिड़मा, देवा और दामोदर, ये तीनों कमांडर पूर्वती गांव से संबंध रखते हैं, जो पहले नक्सल रसद का बड़ा अड्डा हुआ करता था। लेकिन अब सुरक्षाबलों की उपस्थिति के कारण नक्सलियों की रसद आपूर्ति लगभग ठप हो गई है। वेंकटपुरम, पुजारी कांकेर और नम्बी जैसे इलाकों में सुरक्षा चक्र मजबूत कर दिया गया है, जिससे नक्सलियों के लिए रास्ते सीमित हो गए हैं।
सरकार की योजना और सख्त निगरानी
सरकार ने 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। इसी दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस ऑपरेशन की निगरानी कर रही हैं। इलाके में नक्सलियों के बंकर और भारी हथियारों की मौजूदगी की आशंका को देखते हुए ड्रोन और हेलीकॉप्टर से लगातार निगरानी की जा रही है।
