December 27, 2025

एवरेस्ट पर चढ़ाई कर वापस आई बेटी को मिला कम सम्मान: हरियाणा की रीना भट्टी के संघर्ष और बहादुरी की अनजान कहानी

चंडीगढ़। “जब बेटी ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराया तो आसमान गर्व से झुक गया। लेकिन, धरती पर उसका स्वागत खामोशी से हुआ। हरियाणा के हिसार जिले के छोटे से कस्बे बालक की बेटी रीना भट्टी ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है। ट्रैक्टर मैकेनिक की बेटी होने के बावजूद वह 20.5 घंटे में भारत की सबसे ऊंची चोटियों पर पहुंची और उसे भारत की सबसे तेज महिला पर्वतारोही का खिताब मिला। फिर भी, न तो अधिकारियों और न ही उसे वास्तव में वह सम्मान मिला, जिसकी वह हकदार थी। 
इस नाम का कारण भी काफी अनोखा है; लोग रीना को प्यार से “हिमपुत्री” कहते हैं। पिछले पांच सालों में रीना ने बीस से ज्यादा बार शिखर फतह किए हैं। कई बार तो ऐसा हुआ है, जिसे अब तक कोई भारतीय महिला पार नहीं कर पाई थी।
उनका खिताब ऑक्सफोर्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है, इसलिए उनकी उपलब्धियां यहीं खत्म नहीं हुईं। पहाड़ियों की सीमाएँ।
रीना ने इसे 15 अगस्त 2022 को फहराया, जब राष्ट्र ‘हर घर तिरंगा’ मना रहा था। केवल 24 घंटों में, उन्होंने माउंट एल्ब्रस की दोनों रूसी चोटियों पर चढ़कर तिरंगा फहराया। वह इस यात्रा पर जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं।
रीना की यात्राएँ कठिन थीं। कम साधनों, बिना किसी सरकारी सहायता और किसी बड़े प्रायोजक के, उसने अपने दम पर हर चोटी पर चढ़ाई की। किर्गिस्तान की स्नो लेपर्ड पीक, माउंट ज़ो ज़ोंगो, नेपाल के अमा डबलाम और माउंट कांग यात्से जैसी ख़तरनाक चोटियों पर उसने जो हासिल किया, वह किसी फ़िल्म की तरह लगता है।
फिर भी, सब चुप क्यों हैं?
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी को आश्चर्य होता है कि इतनी कमज़ोर बेटी की सराहना क्यों नहीं की जाती। वैसे तो सरकारें बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी पहल करती हैं, लेकिन जब वही बेटियां देश का नाम रोशन करती हैं, तो उन्हें नजरअंदाज क्यों किया जाता है? रीना अभी भी अपने अगले मिशन के लिए प्रायोजकों की तलाश कर रही हैं। उन्हें कोई आधिकारिक सम्मान, पदक या सरकारी वित्तीय सहायता नहीं मिली। यह न केवल एक एथलीट के साथ अन्याय है, बल्कि कई बेटियों की बहादुरी पर भी सवालिया निशान है। रीना जैसी बेटियां समाज की सोच को नई ऊंचाई देने के साथ-साथ पहाड़ भी छूती हैं। अब समय है उनका सम्मान करने, उनकी मदद करने और हर चीज के लिए आभार जताने का।

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