राम मंदिर निर्माण से देशवासियों में हुआ ऊर्जा व उत्साह का नवीन संचार
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रामलला के अयोध्या में स्थित अपने धाम में स्थापित हो जाने के उपरांत राजनीतिक दल इस घटनाक्रम के परिणाम स्वरूप होने वाले नफा नुकसान के आकलन में जुटे हुए हैं। कांग्रेस पार्टी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न होने के कारण पार्टी को हुए राजनीतिक नुकसान का अनुमान अपने-अपने क्षेत्र के हिसाब से कांग्रेस नेता लगा रहे हैं। वे अब अपने ढंग से राम मंदिर के पक्ष में वक्तव्य भी दे रहे हैं। अधिकांश कांग्रेस नेता मान रहे हैं कि राम मंदिर मुद्दा कहीं न कहीं उन्हें राजनीतिक नुकसान देगा व उसकी भरपाई के लिए वे स्वयं को राम भक्त साबित करने में लगे हैं। यही कारण है कि केजरीवाल सहित अन्य कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने स्वयं को राम भक्त साबित करना शुरु कर दिया है।
यह ठीक है कि न्यायपालिका ने अयोध्या मामले में अपना फैसला सुनाया है लेकिन यह भी एक तथ्य है कि उसके स्तर पर भी इस बारे फैसला देने में देरी हुई है। 22 जनवरी को हुए राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट व विश्व हिंदू परिषद ने देश के हर वर्ग के लोगों को बुलाया जिनमें विरोधी दलों के नेता भी शामिल थे। लेकिन कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेताओं ने इस आयोजन से दूरी बना ली थी। कांग्रेस के इस फैसले पर इसलिए हैरानी हुई क्योंकि वह इसका श्रेय लेती रही थी कि अयोध्या में विवादित ढांचे का ताला राजीव गांधी ने खुलवाया था। इसके अलावा कुछ समय पहले तक राहुल गांधी भी मंदिर मंदिर जाकर अपने आप को हिंदू या ब्राह्मण साबित करते रहे हैं।
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार करना इसलिए कांग्रेस की एक बड़ी भूल है क्योंकि यह महज एक मंदिर नहीं है बल्कि यह देश की अस्मिता और उसके स्वाभिमान का भी प्रतीक है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने राम की महिमा का बखान करते हुए यह सही कहा है कि भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता से अनभिज्ञ कुछ लोग कहते हैं कि राम मंदिर बना तो देश में आग लग जाएगी। ऐसा कहने वालों को उन्होंने यह सटीक जवाब दिया कि राम आग नहीं ऊर्जा है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान जो जोश देश व दुनिया भर में बसे भारतीयों में देखने को मिला वह प्रधानमंत्री की बात पर स्वयं मोहर लगाने के लिए काफी है।
राम मंदिर ने देशवासियों में जैसी ऊर्जा और उत्साह का संचार किया है वह उन्हें आत्मिक संतोष और बल प्रदान करने वाला है। अब यह देशवासियों का दायित्व है कि इस ऊर्जा का उपयोग देश के उत्थान में किया जाना चाहिए। इससे ही एक सक्षम भारत का निर्माण किया जा सकता है। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने एक पुत्र, पति, शासक के रूप में तमाम कष्ट सहते हुए समस्त मर्यादाओं का पालन किया। आज जब सभी इससे भाव विभोर है कि अयोध्या में प्रभु राम के जन्म स्थल पर उनके नाम का भव्य मंदिर बन गया है तब फिर सभी लोगों की जिम्मेदारी भी बनती है कि वे देश को आगे ले जाने के लिए एक नागरिक के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करें। यह अलग बात है कि भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर निर्माण का श्रेय ले रही है व उसे यह श्रेय लेने का पूरा अधिकार भी है क्योंकि राम मंदिर निर्माण उनके राजनीतिक एजेंडा में शुरू से ही रहा है।