February 23, 2025

अमृतसर मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगा हाईकोर्ट पहुंची कांग्रेस

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चंडीगढ़: अमृतसर में मेयर चुनाव को लेकर हुई धांधली के खिलाफ कांग्रेस पार्टी हाई कोर्ट पहुंच गई है। कांग्रेस पार्टी ने कोर्ट की अवमानना का केस दायर किया है। अब इसकी सुनवाई बुधवार 29 जनवरी को होगी। वही इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से भी समय मांगा है। जानकारी के अनुसार राजभवन से शाम 6:00 बजे का समय कांग्रेस को दिया गया है।

बता दें कि अमृतसर नगर निगम में 41 पार्षद होने के बावजूद कांग्रेस अपना मेयर नहीं बना पाई। सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी ने अपना मेयर घोषित कर दिया। मेयर चुनाव को लेकर के कांग्रेस पहले ही हाई कोर्ट जा चुकी है जिसे देखते हुए मंगलवार को हाई कोर्ट ने मेयर चुनाव की वीडियोग्राफी करने की आदेश दिए थे।

अमृतसर नगर निगम के निर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह सोमवार को आयोजित किया गया था। इस दौरान मेयर, डिप्टी मेयर और सीनियर मेयर का चुनाव होना था। इस महत्वपूर्ण आयोजन का संचालन अमृतसर मेडिकल कॉलेज में किया गया, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
समारोह के दौरान प्रशासन ने कांग्रेस, भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के किसी भी वरिष्ठ नेता को अंदर प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी। वहीं, आम आदमी पार्टी के सभी नेता और कार्यकर्ता समारोह में उपस्थित रहे। कांग्रेस के पार्षद इस पर नाराज नजर आए और उनका कहना था कि उन्हें मेयर के चुनाव में वोटिंग का मौका नहीं दिया गया। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वारिंग इस दौरान पुलिस अधिकारियों से बहस करते हुए नजर आए।

राजा वारिंग ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके ऊपर सीधा दबाव डाला गया और बिना किसी मतदान के तुरंत ही मेयर, डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के नामों की घोषणा कर दी गई। राजा वारिंग ने इस पूरी प्रक्रिया की निंदा की और कहा कि वह हाई कोर्ट में रिट दायर कर चुनाव को दोबारा कराने की मांग करेंगे।

इस मौके पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष राजा वारिंग, डॉ. राज कुमार वेरका, पूर्व सांसद जसबीर सिंह डिंपा और अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि उनके पार्षद समारोह में मौजूद थे, लेकिन प्रशासन के दबाव के कारण आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को मेयर बना दिया गया। उन्होंने इसे लोकतंत्र का उल्लंघन बताया और इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जाने का ऐलान किया था।

राजा वारिंग और कांग्रेस पार्टी की पूरी लीडरशिप ने मेडिकल कॉलेज के बाहर पंजाब सरकार और प्रशासन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान का खुलेआम उल्लंघन किया गया।