पहलगाम हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के मिले स्पष्ट सबूत
नई दिल्ली, पहलगाम में नरसंहार करने वाले आतंकियों से बरामद चॉकलेट रैपर, पाकिस्तानी पहचान पत्र, सैटेलाइट फोन लॉग और अन्य कई सबूत हमलावरों के तार पाकिस्तान से जोड़ते हैं। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। 28-29 जुलाई के बीच भारतीय एजेंसियों द्वारा बरामद किए गए सबूत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 29 जुलाई को लोकसभा में दिए गए भाषण की याद दिलाते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवादियों की पहचान पाकिस्तान में हुई है। शाह ने कहा था कि पहली बार हमारे हाथ सरकार द्वारा जारी पाकिस्तानी दस्तावेज़ लगे हैं जो पहलगाम हमलावरों की राष्ट्रीयता को संदेह से परे साबित करते हैं।
ऑपरेशन महादेव के दौरान और उसके बाद एकत्र किए गए फोरेंसिक, दस्तावेजी और साक्ष्यों से यह स्पष्ट रूप से पता चला कि पहलगाम आतंकी हमले के तीनों हमलावर पाकिस्तानी नागरिक और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के वरिष्ठ सदस्य थे, जो हमले के दिन से ही दाचीगाम-हरवान वन क्षेत्र में छिपे हुए थे। गोलीबारी करने वाली टीम में कोई भी स्थानीय कश्मीरी शामिल नहीं था। सूत्रों के अनुसार, आतंकवादियों की पहचान ए++ कमांडर सुलेमान शाह (कोड नाम फैजल जट्ट) के रूप में हुई है, जो मास्टरमाइंड और मुख्य शूटर था। ए-ग्रेड कमांडर अबू हमजा (कोड नाम अफगान) दूसरा बंदूकधारी था और ए-ग्रेड कमांडर यासी (कोड नाम जिब्रान) तीसरा बंदूकधारी और पीछे का सुरक्षाकर्मी था।
इन आतंकवादियों से पाकिस्तान का संबंध साबित करने के लिए सुरक्षा बलों ने पाकिस्तानी मतदाता पहचान पत्र बरामद किए। सुलेमान शाह और अबू हमजा की जेबों से पाकिस्तान चुनाव आयोग द्वारा जारी दो लेमिनेटेड मतदाता पर्चियाँ मिलीं। मतदाता क्रमांक (फोटो खींचकर एफआईए को भेजे गए) क्रमशः लाहौर (एनए-125) और गुजरांवाला (एनए-79) की मतदाता सूचियों से मेल खाते हैं।
