निमोनिया के समय पर इलाज से बाल मृत्यु दर को कम किया जा सकता है – डॉ. विधान चन्द्र
“निमोनिया को सफलतापूर्वक निष्क्रिय करने के लिए सामाजिक जागरूकता और कार्रवाई” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया
सचिन सोनी, नूरपुर बेदी, सिविल सर्जन रूपनगर डॉ. मंजू विज के दिशा-निर्देशों के अधीन कोर्ट नूरपुर बेदी में सामाजिक जागरूकता और निमोनिया को सफलतापूर्वक निष्क्रिय करने की कार्रवाई पर ब्लॉक स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें ब्लॉक के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों और आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस अवसर पर डाॅ. विधान चंद्र ने प्रशिक्षण में उपस्थित अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि “सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुली (एसएएएनएस) प्रशिक्षण बच्चों को निमोनिया से बचाएगा। इस कार्यक्रम को अपनाकर पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में पांच साल से कम उम्र के 15 फीसदी बच्चों की मौत निमोनिया के कारण होती है। निमोनिया की शीघ्र पहचान और उपचार से बच्चों की मृत्यु को रोका जा सकता है। इसलिए “निमोनिया को बेअसर करने के लिए सामाजिक जागरूकता और कार्रवाई का सफलतापूर्वक प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि बच्चों को मां का दूध पिलाने और संपूर्ण पौष्टिक आहार देने के अलावा टीकाकरण पर ध्यान देने के साथ-साथ विटामिन ए का घोल देकर बच्चों की मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों में निमोनिया के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पांच साल तक के बच्चों की मौत का मुख्य कारण निमोनिया है। कार्यक्रम बचपन में निमोनिया से होने वाली मौतों को कम करने में कारगर साबित हो सकता है। इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2025 तक पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के प्रति 1000 जीवित बच्चों में निमोनिया से होने वाली मौतों को कम करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी निमोनिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करेंगे।
