March 15, 2025

केंद्र ने वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य उपभोक्ता कल्याण (कॉर्पस) कोष के लिए 32.68 करोड़ रुपये किए जारी

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नई दिल्ली: उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस से पहले कहा कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य उपभोक्ता कल्याण (कॉर्पस) कोष के लिए 32.68 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

हर साल 15 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस ‘उपभोक्ता अधिकारों’ और ‘संरक्षण’ को बनाए रखने की जरूरत को याद दिलाता है।

यह दिन सभी उपभोक्ताओं के मूल अधिकारों को बढ़ावा देने और उनके अधिकारों का सम्मान और संरक्षण को प्रोत्साहित करने के रूप में मनाया जाता है।

मंत्रालय ने कहा, “वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान, केंद्र सरकार की ओर से अलग-अलग राज्यों को उनके राज्य उपभोक्ता कल्याण (कॉर्पस) कोष की स्थापना और वृद्धि के लिए 32.68 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।”

इसमें कहा गया है कि इस अवधि के दौरान, 24 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश ने उपभोक्ता कल्याण (कॉर्पस) कोष की स्थापना की है।

इसके अलावा, सरकार ने कहा कि इसका उद्देश्य एक सुरक्षित, पारदर्शी और उपभोक्ता-अनुकूल अर्थव्यवस्था बनाना है।

मंत्रालय ने कहा, “जैसा कि भारत विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2025 मना रहा है, हमारा ध्यान एक सुरक्षित, अधिक पारदर्शी और उपभोक्ता-अनुकूल अर्थव्यवस्था सुनिश्चित करने पर है।”

उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने, शिकायतों के समाधान की व्यवस्था को मजबूत करने और एक पारदर्शी और निष्पक्ष बाजार सुनिश्चित करने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने कई नई पहल और नीतियां शुरू की हैं।

मंत्रालय ने कहा, “2024 में ई-कॉमर्स रेगुलेशन, डिजिटल कंज्यूमर प्रोटेक्शन, उत्पाद सुरक्षा मानकों और सस्टेनेबल कंजंप्शन पहलों में सुधार के साथ कई बड़े विकास कार्य किए गए।”

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पहली बार 1983 में मनाया गया था। यह दिन 15 मार्च, 1962 को अमेरिकी कांग्रेस को राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के संबोधन की याद दिलाता है, जहां वे औपचारिक रूप से उपभोक्ता अधिकारों को मान्यता देने वाले पहले ग्लोबल लीडर बने थे।

इस वर्ष का विषय ‘स्थायी जीवन शैली के लिए एक उचित बदलाव’ है।

मंत्रालय ने कहा, “यह थीम सभी उपभोक्ताओं के लिए सस्टेनेबल और स्वस्थ जीवनशैली विकल्पों को उपलब्ध, सुलभ और किफायती बनाने की तत्काल जरूरत को दर्शाती है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि ये बदलाव लोगों के बुनियादी अधिकारों और जरूरतों को बनाए रखें।”

मंत्रालय ने कहा, “इस साल का अभियान सस्टेनेबल लाइफस्टाइल हासिल करने के लिए जरूरी कदमों को उठाए जाने पर प्रकाश डालता है और दुनिया भर में मजबूत उपभोक्ता संरक्षण और सशक्तीकरण का आह्वान करता है।”