मणिपुर में फिर भड़की जातीय हिंसा
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इम्फाल: मणिपुर में हालात फिर से बिगड़ गए हैं। इम्फाल जिले में मंगलवार रात बम धमाके और गोलीबारी हुई। तनाव के बीच सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने हिंसा पर खेद जताया और माफी मांगी थी। इसके बाद कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी की खामोशी और अब तक उनके मणिपुर नहीं जाने पर पर सवाल उठाए। इसके बाद बीरेन सिंह ने भी कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव का जिक्र कर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की।
मंगलवार रात इम्फाल जिले के कडंगबंद इलाके में हमला हुआ। कुछ बंदूकधारियों ने एक गांव को निशाना बनाकर बम फेंके। रात 1 बजे के करीब यह हमला हुआ। ग्रामीणों ने इसका जवाब भी दिया, लेकिन किसी के घायल होने की खबर नहीं है। यह घटना ऐसे समय हुई जब मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने राज्य में हिंसा के लिए माफी मांगी थी। इस हमले ने मणिपुर में फिर से तनाव बढ़ा दिया है।
मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने मंगलवार को सेक्रेटेरिएट में मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि राज्य में हिंसा से कई लोगों ने अपनों को खो दिया। हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। सीएम बीरेन सिंह ने कहा था कि उन्हें इसका गहरा खेद है और वे माफी मांगते हैं। 2023 से अब तक मणिपुर में 865 से ज्यादा हिंसक घटनाएं हुई हैं। कूकी और मैतेई समुदाय के हथियार बंद लोग एक दूसरों पर हमला कर रहे हैं। इन हिंसक घटनाओं में कई मासूमों और महिलाओं की जान जा चुकी है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मुख्यमंत्री के बयान का एक वीडियो साझा कर प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया कि वे देश-विदेश घूम रहे हैं, लेकिन मणिपुर क्यों नहीं जा रहे?
मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने जयराम रमेश के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि 1992-97 के दौरान मणिपुर में नागा-कूकी हिंसा चरम पर थी। उस समय प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव थे। क्या वे मणिपुर आए थे। सिंह ने कहा कि मेरी माफी काफी पूरी तरह से एक मानवीय अपील थी। इसे राजनीति में नहीं घसीटा जाए।