सप्ताह के भीतर एक और वन क्षेत्र के अवैध कटान का मामलाआया सामने
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जड़ें उखाड़ प्रमाण नष्ट किया, वन विभाग पहुंचा मौके पर
रघुनाथ शर्मा बेबाक़,नूरपुर : नूरपुर की पंचायत थोहड़ा के चकबन जंगल में सरकारी व गैर सरकारी भूमि में से पेड़ों कुछ दिन पूर्व कस अवैध कटान का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि इसी के समीप के एक अन्य जंगल से भी निजी कटान की आड़ में काफी संख्या में पेड़ों के कांटे जाने की सुचना मिली है। इस वन क्षेत्र का नाम दरगोटी बताया जाता है। जहां स्थानीय लोगों व पंचायत के पदाधिकाधियों ने इस कथित कटान का पुरजोर विरोध करते हुए इस बारे अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था को जानकारी सांझा कर इस बारे आवाज बुलंद करने के लिए आग्रह किया। संस्था द्वारा इस बारे में अमित शर्मा ,वन मंडल अधिकारी नूरपुर को बताया गया। उक्त अधिकारी ने इस कटान बारे बताया कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है तथा ऐसे नहीं हो सकता। लेकिन जब उनको अवैध रूप से कटे पेड़ों के साक्ष्य भेजे गए तो उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी के लिए एक रेंज अधिकारी को मोके पर भेजा। जिसने घटनास्थल पर जाकर मामले की जांच शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार काटे गए पेड़ों को जड़ो से उखाड़ कर अवैध कटान के सबूत मिटाने के प्रयास किए गए हैं।
स्थानीय लोगों द्वारा जब अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था को बताया गया तो इसकी जानकारी वन मंडल अधिकारी अमित शर्मा को दी गई। स्थानीय पंचायत ने अवैध कटान की लकड़ी व इसे ले जा रहे ट्रैक्टर को पकड़ा तथा संस्था को अवगत किया। वन विभाग से आग्रह है कि वह अवैध कटान करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। गत सप्ताह भी चकबन जंगल में काफी संख्या में पेड़ काटे गए थे , लेकिन वन विभाग ने महज छह पेड़ों की डैमेज रिपोर्ट बनाई व मात्र सवा लाख 1.25 लाख का आर्थिक दंड लगाया। संस्था इसे महज लीपा पोती मानती है। (राजेश पठानिया सह निदेशक मानवाधिकार मंच)
मामला ध्यान में आया है वन रेंज अधिकारी को इस बारे जांच करने को कहा गया है !
(अमित शर्मा ,वन मंडल अधिकारी नूरपुर )