March 12, 2025

सियासत में कई दिग्गजों को पटखनी देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह आज मना रहे 83वां जन्मदिन

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चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब की राजनीति में सबसे चर्चित नाम कैप्टन अमरिंदर सिंह आज यानी की 11 मार्च को अपना 83वां जन्मदिन मना रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह का राजनीतिक जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। लेकिन साल 2022 में उन्होंने अपनी पार्टी का भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…जन्म और शिक्षा

ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत में 11 मार्च 1942 को अमरिंदर सिंह का जन्म हुआ था। वह एक सिंधु वंश के पंजाबी जट सिख परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके माता-पिता महारानी मोहिंदर कौर और पटियाला के महाराजा सर यादविंद्र कौर थे। उन्होंने शिमला के लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल और देहरादून के दून स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की।

आर्मी करियर

जून 1963 से लेकर दिसंबर 1966 तक अमरिंदर सिंह ने भारतीय सेना में सेवा की। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक किया। इसके बाद वह सेना में शामिल हुए। इस दौरान उनको सिख रेजिमेंट में कमीशन दिया गया। फिर दिसंबर 1964 से पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरबख्श सिंह के सहायक के रूप में काम किया। वहीं साल 1965 में उन्होंने अपने परिवार की देखभाल के लिए भारतीय सेना छोड़ दी। लेकिन उसी साल भारत-पाक युद्ध की वजह से वह दोबारा सेवा में लौट आए।

राजनीतिक सफर

राजीव गांधी ने अमरिंदर सिंह को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल किया था। क्योंकि वह स्कूल के दोस्त थे और साल 1980 में कैप्टन अमरिंदर सिंह पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे।

साल 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान सेना की कार्रवाई के विरोध में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।

जिसके बाद अमरिंदर सिंह शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए और इस दौरान वह तलवंडी साबो से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए।

हालांकि साल 1992 में वह अकाली दल से अलग होकर एक अलग समूह शिरोमणि अकाली दल (पंथिक) का गठन किया।

वहीं साल 1998 में सोनिया गांधी ने जब पार्टी की कमान संभाली तो अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी में इसका विलय कर दिया।

साल 1999 से 2002, 2010 से 2013 और 2015 से 2017 तक 3 मौकों पर वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहे। अमरिंदर सिंह 5 बार पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे।

पंजाब के मुख्यमंत्री

साल 2002 में कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री रहे और साल 2007 तक इस पद पर बने रहे।

इसके बाद 2017 में कैप्टन के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और उन्होंने राज्य के 26वें सीएम के रूप में शपथ ली।

लेकिन 18 सितंबर 2021 को अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के पंजाब विधायकों में उनके नेतृत्व के प्रति विश्वास की कमी के कारण सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।

पंजाब लोक कांग्रेस

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 02 नवंबर 2021 को भारतीय क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया। उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देने और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी का गठन किया। इसके साथ ही साल 2022 के चुनाव में पंजाब की सभी 117 सीटों पर पार्टी ने चुनाव भी लड़ा। लेकिन राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी कोई भी सीट नहीं जीत पाई।

बता दें कि एक बड़े राजनीतिक मोड़ के बाद अमरिंदर सिंह ने साल 2022 में अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा विल करने का फैसला लिया।