December 22, 2025

वक्फ की संपत्ति के रखरखाव के लिए है बिल: अमित शाह

लोकसभा में बोले, वोट बैंक के लिए भ्रम फैला रहा विपक्ष

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मैं अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी द्वारा पेश किए गए विधेयक का समर्थन करता हूं। मैं दोपहर 12 बजे से चल रही चर्चा को ध्यान से सुन रहा हूं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कई सदस्यों के बीच कई गलतफहमियां हैं, चाहे वह वास्तविक हो या राजनीतिक। साथ ही, इस सदन के माध्यम से उन गलतफहमियों को पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ अधिनियम और बोर्ड 1995 में लागू हुआ। गैर-मुस्लिमों को शामिल करने के बारे में सभी तर्क वक्फ में हस्तक्षेप के बारे में हैं। सबसे पहले, कोई भी गैर-मुस्लिम वक्फ में नहीं आ सकता। इसे अच्छी तरह से समझ लें।

अमित शाह ने कहा कि धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन में किसी गैर-मुस्लिम को शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं है, हम ऐसा नहीं करना चाहते। यह बहुत बड़ी भ्रांति है कि यह कानून मुसलमानों के धार्मिक आचरण में हस्तक्षेप करेगा और उनके द्वारा दान की गई संपत्ति में हस्तक्षेप करेगा। यह भ्रांति अल्पसंख्यकों में अपने वोट बैंक के लिए डर पैदा करने के लिए फैलाई जा रही है। शाह ने कहा कि वक्फ बिल मुस्लिम धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है।

गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि नए कानून के तहत वक्फ बोर्ड में किसी गैर-मुस्लिम की नियुक्ति नहीं की जाएगी। अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आप लोग अपने मिथकों से देश को तोड़ देंगे। यह विधेयक वक्फ बोर्ड में चल रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए है। अगर 2013 में संशोधन लाया गया होता, तो मैं कह सकता हूं कि आपको विधेयक लाने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड धार्मिक संस्था नहीं बल्कि प्रशासनिक संस्था है। 2014 के नतीजों से डरकर उन्होंने ये संशोधन नहीं लाए, बल्कि इसे अतिवादी बना दिया।

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