अजेय पर विजय हासिल कर ऑस्ट्रेलिया बना विश्व चैंपियन
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अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए आईसीसी वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की जीत व भारत की हार ने देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों का दिल तोड़ दिया है। इस पूरे विश्व कप टूर्नामेंट में सेमी फाइनल तक अजय ही नहीं बल्कि दूसरी टीमों को बड़े अंतर से हराने में सफल रही भारतीय टीम फाइनल मुकाबले में काफी लाचार नजर आई जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पारी की शुरुआत में ही तीन विकेट गंवाने के बाद भी अपने हौसलों को बरकरार रखा और सुनियोजित रणनीति के तहत अपनी जीत को साकार किया।
इस टूर्नामेंट के दौरान सेमीफाइनल तक जो मनोबल भारतीय टीम में दिखा, वह फाइनल में नजर नहीं आया। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि नरेंद्र मोदी स्टेडियम में बड़ी संख्या में उपस्थित भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों की आशाओं की पूर्ति का दबाव भी टीम पर था। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में बेहतरीन क्षेत्ररक्षण करते हुए भी भारत के खाते में जाने वाले 35- 40 रन भी रोक दिए जबकि भारत की टीम के खराब क्षेत्ररक्षण के कारण 35- 40 अतिरिक्त रन भी ऑस्ट्रेलिया को मिले जो ऑस्ट्रेलियाई टीम के मनोबल को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुए। आस्ट्रेलिया ने बेहतर क्रिकेट खेला और पूरे खेल के दौरान टीम किसी प्रकार के मानसिक दबाव में नजर नहीं आई।
टीम इंडिया के वर्ल्ड कप हार से रोहित शर्मा एंड कंपनी का विश्व चैंपियन बनने का सपना भी टूट गया। लगातार 10 जीत के विजय रथ पर सवार होकर फाइनल में पहुंचे भारत को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में तीसरा विश्व कप जीतने की उम्मीद थी। टूर्नामेंट के सबसे सफल बल्लेबाज विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन ने वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का दूसरी बार हिस्सा बनने का सपना देखा था। जबकि कप्तान रोहित शर्मा पहली बार एक दिवसीय विश्व चैंपियन बनने का सपना संजोए थे। लेकिन पैट कमिंस की टीम ने इन सपनों को साकार नहीं होने दिया। ऑस्ट्रेलिया ने दिखा दिया कि क्यों वह विश्व क्रिकेट की शीर्ष टीम है। टीम ने भारत के खिलाफ पहले मैच सहित लगातार दो हार के साथ अपने अभियान की शुरुआत की थी लेकिन फिर लगातार नौ मैच जीत कर खिताब अपने नाम किया।
भारतीय टीम की इस हार से देश के क्रिकेट प्रेमी भले ही दुखी हों लेकिन खेल तो खेल है व इसे खेल भावना से ही देखा जाना चाहिए। जीत तो एक ही टीम की होनी थी और जो बेहतर खेल सका, उसी की जीत भी हुई। वैसे भी क्रिकेट एक उलट फेर का खेल है व इसमें जीत के लिए बेहतर खेल, खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति, रणनीति, भाग्य के साथ-साथ अन्य कई परिस्थितियों निर्भर करती है। भले ही भारतीय टीम को फाइनल में हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन समूचे आईसीसी वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के दौरान जो खेल भारतीय टीम ने दिखाया उसकी सराहना होनी चाहिए। वैसे भी जिस प्रकार की क्रिकेट भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में खेली वह आज तक किसी वर्ल्ड कप में देखने को नहीं मिली है। यह कहा जा सकता है कि टीम इंडिया वर्ल्ड कप के इतिहास में अब तक की सबसे बेहतरीन टीम है। यह भी माना जा सकता है कि सभी टीमों को बारी बारी धूल चटाने के बाद फाइनल में पहुंची टीम इंडिया के भाग्य में ही यह विश्व कप नहीं था।