March 18, 2025

महाकुंभ पर जैसे ही संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू किया बोलना, विपक्ष ने किया वॉकआउट

1 min read

अयोध्या के सांसद ने बताई वजह

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज में महाकुंभ पर लोकसभा को संबोधित किया और भव्य आयोजन के लिए सभी का आभार जताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान पूरी दुनिया ने भारत की भव्यता देखी। उन्होंने कहा कि मैं प्रयागराज में महाकुंभ की सफलता में योगदान देने वाले देश के करोड़ों लोगों को नमन करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं प्रयागराज के महाकुंभ पर बोलने के लिए यहां खड़ा हूं। मैं करोड़ों देशवासियों को बधाई देता हूं जिनकी वजह से महाकुंभ का सफल आयोजन हो सका। महाकुंभ की सफलता में कई लोगों ने योगदान दिया। मैं भारत, यूपी और प्रयागराज के लोगों को धन्यवाद देता हूं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि पिछले वर्ष राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी ने देखा कि कैसे देश अगले 1000 वर्षों के लिए खुद को तैयार कर रहा है। महाकुंभ के दौरान यह विचार और भी मजबूत हुआ। देश के सामूहिक जागरण ने सामूहिक शक्ति को बढ़ाया। इसके बाद उनके इस भाषण को लेकर विपक्ष ने विरोध जताया और सदन से वॉकआउट कर लिया। समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ पर दिए गए वक्तव्य पर कहा कि प्रधानमंत्री ने एकतरफा बयान दिया और सदन से चले गए। बेहतर होता कि महाकुंभ पर बड़ी चर्चा होती। नेताजी की सरकार में महाकुंभ हुआ, अखिलेश यादव के नेतृत्व में भी हुआ और इन सरकारों में महाकुंभ का आयोजन बहुत अच्छे और भव्य तरीके से हुआ। दुख की बात है कि इस बार महाकुंभ में भगदड़ मची, लोगों की जान गई। प्रधानमंत्री को सदन में बताना चाहिए था कि महाकुंभ में कितने लोग लापता हुए, कितने लोगों की मौत हुई और उनके परिवारों के लिए सरकार क्या करेगी और विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं, एकता का अमृत इसका बहुत पवित्र प्रसाद है। महाकुंभ ऐसा आयोजन रहा जिसमें देश के हर क्षेत्र, कोने से आए लोग एक हो गए। लोग अहम त्यागकर मैं नहीं हम की भावना से प्रयागराज में जुटे… जब अलग-अलग भाषा, बोली बोलने वाले लोग संगम तट पर हर-हर गंगे का उद्घोष करते हैं तो ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की झलक दिखती है। आज पूरे विश्व में जब बिखराव की स्थितियां हैं, उस दौर में एकजुटता का ये विराट प्रदर्शन हमारी ताकत है। अनेकता में एकता भारत की विशेषता है, ये हम हमेशा कहते आए हैं और इसी के विराट रूप का अनुभव हमने प्रयागराज महाकुंभ में किया है। हमारा दायित्व है, अनेकता में एकता की इसी विशेषता को हम निरंतर समृद्ध करते रहें।