March 14, 2025

रक्षा मंत्रालय की ओर से योल छावनी को खत्म करने के बाद देश में मौजूदा सभी छावनियों को खत्म करने की संभावना

हिमाचल की 6 छावनियों को खत्म करने की प्रक्रिया भी जोरों पर

शिवालिक पत्रिका, धर्मपुर, हिमाचल का योल छावनी क्षेत्र खत्म होने के साथ अब देश में 61 कैंट मौजूद रह गए हैं। योल छावनी देश व प्रदेश की पहली छावनी बन गई है जहां लोग अंग्रेजी हुकूमत के कानून से आजाद हो गए हैं। रक्षा मंत्रालय की ओर से योल छावनी को खत्म करने के बाद देश की अन्य छावनियों को खत्म करने की कवायद भी तेज कर दी गई है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार देश की सभी छावनियों को खत्म करने की तैयारियां चल रही है। ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि जल्द केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से देश की सभी छावनियों को खत्म करने का फरमान कभी भी जारी हो सकता है। केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से सभी छावनी के स्थानीय लोगों को यह एक तोहफा भी हो सकता है। देश के सभी छावनी क्षेत्रों में इस खबर को सुनने के बाद खुशी की लहर दौड़ गई है। छावनी का विलय नजदीक के नगर निकायों या पंचायतों में होगा। जबकि छावनी परिषद के अन्य सैन्य क्षेत्र को मिलिट्री स्टेशन में बदल दिया जाएगा। वहीं देश की सभी छावनियों को खत्म करने के पीछे के कारण बताए जा रहे हैं कि छावनी में अभी भी अंग्रेजी हुकूमत के बनाए कानून लागू है जबकि छावनियों को खत्म करने के बाद स्थानीय लोग प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र में आ जाएंगे। रक्षा मंत्रालय का छावनी क्षेत्र पर बड़ा बजट का हिस्सा खर्च होता है। छावनी क्षेत्र खत्म होने के बाद रक्षा बजट देश की सेना पर खर्च किया जा सकेगा। सिविल क्षेत्र में विलय के बाद किसानों को मालिकाना हक मिल सकेगा जबकि रिहायशी भवन मालिक के नाम किया जा सकेगा। प्रदेश छावनी वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की गई है कि आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव पर इस बार उम्मीद की जाती है कि छावनियों के खत्म होने के बाद लोग 15 अगस्त को आजादी के रूप में मनाएंगे।