तेजाबी हमला करने के मामले को गैर जमानती अपराध माना गया : सीजेएम कपिल राठी
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भिवानी, 16 जुलाई। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार सीजेएम-कम-सचिव कपिल राठी के मार्गदर्शन में नालसा (एसिड हमलों से पीड़ितों के लिए विधिक सेवा योजना) 2016 पर एक सप्ताहिक कार्यक्रम शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से रविवार को सम्पन्न हुआ।
सीजेएम-कम-सचिव कपिल राठी ने जानकारी देते हुये बताया कि इस एक सप्ताहिक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एसिड हमलों के प्रति कानूनी जागरूकता लाना है, जिसमें महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने निभाई है। शिक्षा विभाग ने जिले के सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं व स्वास्थ्य विभाग में आशा वर्कर के माध्यम से महिलाओं को नालसा (एसिड हमलों से पीड़ितों के लिए विधिक सेवा योजना) 2016 के प्रति कानूनी मदद के लिए जागरूक किया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कपिल राठी ने कहा कि तेजाबी हमले की घटनाओं को रोकने, पीड़ितों को उपचार और मुआवजा प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा एसिड हमले के मुद्दे को गंभीरता से और प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि देखने में आया है कि तेजाबी हमले अधिकांश लड़कियों पर होते हैं, लड़कियों को हमेशा ऎसे हमलों के प्रति सचेत और जागरूक रहना चाहिए, तेजाबी हमला करने के मामले को गैर जमानती अपराध माना गया और गुनहगार को कम से कम दस साल और ज्यादा से ज्यादा आजीवन कारावास की सजा देना तय किया गया।