December 24, 2025

भगवंत मान ने श्री मुक्तसर साहिब निवासियों को दिया बड़ा तोहफा

138.82 करोड़ रुपये की सीवरेज और जलापूर्ति परियोजनाओं का शिलान्यास

चंडीगढ़, इस वर्ष, श्री मुक्तसर साहिब जिले में पहले से ही उपलब्ध 4,800 मशीनों के अलावा, किसानों को लगभग 320 आधुनिक कृषि मशीनें सब्सिडी पर उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा, पराली के गांठों को रखने के लिए 40 गाँवों में 62 एकड़ में भंडारण स्थल बनाए गए हैं। पराली जलाने की घटनाओं पर नजऱ रखने और कार्रवाई करने के लिए, जिला प्रशासन ने 27 क्लस्टर अधिकारी और 152 नोडल अधिकारी तैनात किए हैं। ऐसे प्रयास वास्तव में नई सोच, नया पंजाब की ओर कदम हैं जहां विकास, संवेदना और पर्यावरण तीनों का संतुलन कायम है।

यह पहल केवल पर्यावरण संरक्षण तक सीमित नहीं है। इससे जनजीवन और सार्वजनिक सुरक्षा पर भी सीधा असर पड़ता है। जब पराली न जलती है, तो सडक़ें सुरक्षित रहती हैं, हादसों की संभावना घटती है और हवा साफ़ रहती है। यही कारण है कि मान सरकार की यह नीति किसानों, प्रशासन और जनता सभी के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। मोगा की यह मिसाल यह साबित करती है कि जब प्रशासन किसान के साथ कदम से कदम मिलाकर चलता है, तो परिवर्तन संभव है। पराली जलाने की आदत को रोककर, हादसों को घटाकर और वातावरण को सुरक्षित रखकर मान सरकार ने दिखाया कि सुरक्षा, हरियाली और जिम्मेदारी एक साथ संभव हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुरू से ही यह सिद्ध किया है कि सरकार का अर्थ केवल दफ्तरों में बैठना नहीं, बल्कि जनता के बीच जाना है। पराली प्रबंधन के लिए मशीनरी सब्सिडी, वैकल्पिक फसल योजना और जागरूकता अभियान जैसी पहलों ने किसानों का भरोसा जीता है। यही असली विकास है, जब नीतियाँ कागज़ से उतरकर खेतों में उतरती हैं। जहाँ प्रशासन मिसाल बने। मान सरकार के नेतृत्व में यह नई सोच न केवल पर्यावरण की रक्षा कर रही है, बल्कि पंजाब को एक बार फिर हरियाली और उम्मीद से भर रही है। यह सिर्फ प्रशासन की पहल नहीं, यह नए पंजाब की पहचान है।

ऐतिहासिक शहर श्री मुक्तसर साहिब के लोगों को एक बड़ा तोहफा देते हुए, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शहर में 138.82 करोड़ रुपये की सीवरेज और जलापूर्ति परियोजनाओं का शिलान्यास किया। गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि 138.82 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं में से 90.68 करोड़ रुपये नई सीवरेज व्यवस्था पर और 48.14 करोड़ रुपये जलापूर्ति परियोजनाओं पर खर्च किए जाएँगे। उन्होंने कहा कि इस शहर में 31 हज़ार घर हैं और इन परियोजनाओं के पूरा होने से एक लाख 58 हज़ार लोगों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अब लोगों को स्वच्छ पेयजल और सीवरेज की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक शहर में 30 साल बाद नई सीवरेज और जलापूर्ति परियोजनाएँ शुरू हो रही हैं, लेकिन यह कहते हुए दुख हो रहा है कि अतीत में इस ज़िले से मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री बने हैं, लेकिन इस शहर की बुरी तरह उपेक्षा की गई है। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूँ कि ईश्वर ने मुझे इस ऐतिहासिक शहर में बड़ी परियोजनाओं का शुभारंभ करने का अवसर दिया है।

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