बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत किया जागरूकता
शिवांकुर शर्मा,नंगल
बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को समाप्त करने व समाज में कानून के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिला कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के मार्गदर्शन में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व सचिव अमनदीप कौर के आदेशानुसार गांव बीकापुर में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को बाल विवाह से होने वाले सामाजिक व शैक्षणिक दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए उन्हें इस कुरीति के खिलाफ जागरूक व सक्रिय बनाना रहा।
कार्यक्रम के दौरान एडवोकेट उमेश कुमार बैंस, शिव कुमार, फोरन चंद व जसविंदर कौर ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए बताया कि किसी भी लड़की की शादी 18 साल से पहले न की जाए व लड़के की शादी 21 साल की आयु के बाद ही की जानी चाहिए।
वक्ताओं ने कहा कि कम उम्र में विवाह होने से बच्चों की शिक्षा अधूरी रह जाती है व भविष्य में जन्म लेने वाले बच्चे मानसिक रूप से भी कमजोर रह सकते हैं। उन्होंने बताया कि सही उम्र में विवाह से बच्चों का भविष्य सुरक्षित होने के साथ समाज भी सशक्त बनता है।
ग्रामीणों को यह जानकारी भी दी गई कि यदि कहीं बाल विवाह से संबंधित कोई मामला संज्ञान में आता है तो तुरंत कानूनी सेवा प्राधिकरण से संपर्क कर इसकी सूचना दी जाए, ताकि समय रहते कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। अभियान के दौरान ग्रामीणों से अपील की गई कि वे बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करने में प्रशासन का सहयोग करें व बाल विवाह मुक्त समाज के निर्माण के लिए आगे आएं।
फोटो कैप्शन:
गांव बीकापुर में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में ग्रामीणों को जागरूक करते कानूनी सेवाएं प्राधिकरण के प्रतिनिधि।
