जीएसटी सुधारों को लेकर 8 साल बाद सरकार को आई अक्ल: पी चिदंबरम
नई दिल्ली, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने और दरों में कटौती का स्वागत किया है, लेकिन इस कदम की आलोचना करते हुए इसे आठ साल की देरी बताया है। एक्स पर एक पोस्ट में, चिदंबरम ने कहा कि मौजूदा जीएसटी डिज़ाइन और दरों को शुरू में ही लागू नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष ने वर्षों से इन मुद्दों के खिलाफ बार-बार चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी दलीलों को अनसुना कर दिया गया।
चिदंबरम ने लिखा कि जीएसटी को युक्तिसंगत बनाना और कई वस्तुओं और सेवाओं पर दरों में कमी स्वागत योग्य है, लेकिन आठ साल की देरी हो गई है। जीएसटी का मौजूदा डिज़ाइन और आज तक प्रचलित दरें शुरू में ही लागू नहीं की जानी चाहिए थीं। हम पिछले आठ सालों से जीएसटी के डिज़ाइन और दरों के खिलाफ लगातार आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन हमारी दलीलों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। चिदंबरम ने सुधारों के लिए सरकार के समय पर भी सवाल उठाए और अचानक बदलाव के संभावित कारणों पर अटकलें लगाईं।
उन्होंने कई आर्थिक और राजनीतिक कारकों का हवाला दिया, जिनके कारण आठ वर्षों के विलंब के बाद यह निर्णय लिया गया, जिनमें अमेरिका में भारतीय वस्तुओं पर लगाया गया टैरिफ, तथा इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार चुनाव शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह अनुमान लगाना दिलचस्प होगा कि सरकार को ये बदलाव करने के लिए क्या प्रेरित किया: सुस्त विकास? बढ़ता घरेलू कर्ज़? घटती घरेलू बचत? बिहार चुनाव? ट्रम्प और उनके टैरिफ़? या ये सब?
