बिहार एसआईआर में आधार कार्ड या 11 अन्य दस्तावेज मान्य
सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को बड़ा आदेश
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनावी राज्य बिहार में चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में बदलाव करने से इनकार कर दिया, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह सूची से बाहर किए गए मतदाताओं को ऑनलाइन माध्यम से दावे दाखिल करने की अनुमति दे, साथ ही भौतिक रूप से भी दावा पेश करने की अनुमति दे। अदालत ने निर्वाचन आयोग को मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल कराने के लिए 11 दस्तावेज़ों या आधार कार्ड को स्वीकार करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की दो सदस्यीय पीठ ने राजनीतिक दलों को उन 65 लाख लोगों की मदद करने का भी निर्देश दिया, जिन्हें मसौदा मतदाता सूची से बाहर रखा गया है। अदालत ने कहा, सभी राजनीतिक दल अगली सुनवाई तक उस दावा प्रपत्र पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें, जिसे उन्होंने बहिष्कृत मतदाताओं द्वारा दाखिल करने में मदद की थी।
मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि केवल दो आपत्तियाँ उठाई गईं, जबकि राजनीतिक दलों के 1.60 लाख से अधिक बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) हैं। सुनवाई के दौरान, चुनाव आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि उसे यह साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाए कि कोई भी मतदाता सूची से बाहर नहीं है। आयोग ने अदालत को यह भी बताया कि 85,000 बहिष्कृत मतदाताओं ने अपने दावा पत्र जमा कर दिए हैं, जबकि दो लाख से ज़्यादा नए मतदाता मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आगे आए हैं।
