भारतीयों को स्वतंत्रता को लेकर आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए: मोहन भागवत
भुवनेश्वर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने स्वतंत्रता दिवस पर भुवनेश्वर में एक सभा को संबोधित किया और शांति एवं सुख की वैश्विक खोज में भारत की अद्वितीय भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने देश की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत पर प्रकाश डाला और राष्ट्र से विश्व को सद्भाव के एक नए युग की ओर ले जाने की ज़िम्मेदारी लेने का आह्वान किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि भारतीयों को स्वतंत्रता को लेकर आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता को कायम रखने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत और त्याग करने की ज़रूरत है। सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने सर्वोच्च बलिदान देकर भारत को स्वतंत्रता दिलाई है, हमें भी इसे कायम रखने, देश को आत्मनिर्भर बनाने और विवादों में उलझी दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए विश्व गुरु के रूप में उभरने के लिए उतनी ही मेहनत करनी होगी।
इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता राजेश लोया ने शुक्रवार को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। शहर के महाल क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम में आरएसएस के कुछ कार्यकर्ता और प्रचारक भी मौजूद थे।
