ऑपरेशन सिंदूर, सिंधु जल समझौता और आतंकवादियों को सीधा संदेश
पीएम मोदी ने भारतीय सेना को दी खुली छूट
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लगातार 12 बार लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित कर इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ दिया और इस मामले में अब वह केवल जवाहरलाल नेहरू से पीछे हैं, जिन्होंने लगातार 17 बार यह संबोधन दिया था। आजादी की वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री ने लाल किले पर लगातार 12वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया और इस ऐतिहासिक स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में ऐसी तबाही हुई है कि उसकी नींद उड़ी हुई है और अगर दुश्मनों ने आगे भी कोई हिमाकत की तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा तथा भारत अब ‘न्यूक्लियर ब्लैकमैल’ नहीं सहेगा। उन्होंने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि सिंधु जल समझौता अन्यायपूर्ण और एकतरफा है जो भारत को मंजूर नहीं हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के वीर जाबांजों को सलामी देने का अवसर मिला है। हमारे जाबांज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पार से आए आतंकवादियों ने पहलगाम में जिस तरह से कत्लेआम किया, उससे पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था और पूरा विश्व भी चौंक गया था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।मोदी ने पाकिस्तान और आतंकवादियों को आगाह करते हुए कहा कि आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी, तो हमारी सेना तय करेगी…। सेना की शर्तों पर, सेना द्वारा निर्धारित समय पर, सेना द्वारा तय लक्ष्य को अब हम अमल में लाकर रहेंगे। अब मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत ने तय कर लिया है कि अब खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को अन्यायपूर्ण और एकतरफा करार देते हुए कहा कि सिंधु नदी के जल पर भारत और उसके किसानों का एकमात्र अधिकार है। मोदी ने कहा कि इस संधि ने भारत में कृषि को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने इस समझौते को जारी रखने की निरर्थकता को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि इस संधि की वजह से सिंधु के जल से हमारे दुश्मनों के खेतों की सिंचाई होती है, जबकि मेरे देश की धरती और मेरे देश के किसान प्यासे रहते हैं। मोदी ने कहा, भारत का जो पानी है, उसका इस्तेमाल भारत के लिए होगा, सिर्फ भारत के किसानों के लिए होगा और हम अब ऐसी व्यवस्था बर्दाश्त नहीं करेंगे जो अपने किसानों को वंचित रखे। उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत भारत के किसानों को दशकों तक अकल्पनीय नुकसान उठाना पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दशकों से इसे सहन करता आ रहा है। हम इसे और सहन नहीं करेंगे।
