December 22, 2025

नंगल की राजनीति की पोल खोलता है सेक्टर -2 से डायवर्ट सड़क मार्ग

गत 4 वर्षों से सड़क पर पड़े गड्ढों से जनता परेशान, लेकिन किसी को चिंता नहीं

शिवालिक पत्रिका, नंगल, नया नंगल स्थित अजोली मोड़ में बन रहे फ्लाईओवर के कारण बाल्मीकि चौक से शिवालिक एवेन्यू फेस- 2 तक, सेक्टर- 2 की तरफ से परिवर्तित (डायवर्ट) ट्रैफिक के कारण इस पूरे सड़क मार्ग पर पड़े बड़े-बड़े गड्ढों के कारण वाहन चलाना ही नहीं बल्कि पैदल चलना भी मुश्किल हो चुका है। पिछले 3-4 वर्षों से यह सड़क प्रशासन की अनदेखी का शिकार है, लेकिन पंजाब सरकार या फिर स्थानीय प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। स्थानीय लोगों के अलावा हिमाचल प्रदेश की तरफ जाने वाले या उधर से आने वाले वाहन चालक प्रशासन की अनदेखी का वर्षों से शिकार हो रहे हैं। लेकिन आमजन को इस सड़क मार्ग पर पड़े बड़े-बड़े गड्ढों से निजात दिलाने के लिए कोई तैयार नहीं है। लगभग एक किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग की रिपेयर करने या इस पर कोलतार डालने की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है। नगर परिषद का कहना है कि फ्लाईओवर के निर्माण के कारण यह सड़क डायवर्ट की गई है। अतः इस पर पड़े गड्ढों को भरने या कोलतार बिछाने का कार्य भी फ्लाईओवर बनाने वाली कंपनी को ही करना होगा। अब प्रश्न यह उठता है कि अगर फ्लाईओवर का निर्माण कर रही कंपनी इस सड़क मार्ग की देखभाल नहीं कर रही है तो उसकी जिम्मेदारी किस पर है? क्या नंगल नगर परिषद सिर्फ जनता से टैक्स इकट्ठा करने लिए है या फिर पीएसीएल जैसी प्राइवेट कंपनी की सड़कें बनाने के लिए लोगों से टैक्स इकट्ठा करती है। यहां बता दें कि कुछ वर्ष पहले नंगल नगर परिषद ने पीएसीएल के अंदर सड़कें बनाने पर 75 लाख रुपए खर्च किए थे। पीएसीएल के अंदर किए गए इस सड़क निर्माण का विधिवत उद्घाटन तत्कालीन विधानसभा स्पीकर के पी राणा के कर कमलों द्वारा करवाया गया था। अब प्रश्न यह उठता है कि इस डायवर्ट सड़क मार्ग की मरम्मत के लिए नगर परिषद के पास फंड की कमी है या फिर नगर परिषद अपना पैसा वहीं खर्च करती है जहां उसे अपना हित नजर आता है। नगर परिषद पीएसीएल जैसी प्राइवेट कंपनी की कॉलोनी के अलावा गुजरते हाईवे के किनारों पर पेवर लगा सकती है लेकिन यह सड़क मार्ग, जो उसके अधिकार क्षेत्र में पड़ता है, उस पर कार्य करने के लिए तैयार नहीं है। नंगल जन जागरण मंच ने इस डायवर्ट सड़क मार्ग पर जगह-जगह बोर्ड लगाकर लोगों से इस सड़क के निर्माण हेतु भीख देने की अपील की है। इसका भी असर न तो फ्लाईओवर निर्माण करने वाली कंपनी पर पड़ा है और न ही नगर परिषद भी नींद से जागी है। प्रश्न यह उठता है कि अगर फ्लाईओवर का निर्माण कर रही कंपनी इस सड़क की देखभाल नहीं कर रही है तो इस पर प्रदेश सरकार या फिर स्थानीय प्रशासन की क्या जिम्मेदारी बनती है, और उन्होंने कंपनी के विरुद्ध क्या कार्रवाई की है? क्या यह कंपनी प्रशासन पर भारी पड़ रही है? या फिर नगर परिषद द्वारा भी इस सड़क की मरम्मत न करते हुए नंगल के लोगों की राजनीतिक चेतना को बढ़ाया जा रहा है ताकि भविष्य में वे सोच समझकर ही अपने प्रतिनिधि चुने।

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