पीएम मोदी और योगी का नाम लेने के लिए किया गया था मजबूर: साध्वी प्रज्ञा
भोपाल, 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत से बरी होने के बाद भाजपा नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने पहली बार खुलकर अपनी आपबीती बताई है। भोपाल स्थित अपने आवास पर लौटने के बाद मीडिया से बातचीत में साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि इस मामले की जांच के दौरान उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लेने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों का दबाव बहुत अधिक था, लेकिन वह झूठ बोलने या किसी को फंसाने के लिए तैयार नहीं हुईं।
साध्वी प्रज्ञा ने कहा, “मुझे मजबूर किया गया, लेकिन मैंने दबाव में आकर किसी का नाम नहीं लिया। मैंने किसी को झूठा नहीं फंसाया। सच बोलने और दबाव का विरोध करने के कारण मुझे अमानवीय यातनाएं दी गईं और तरह-तरह से प्रताड़ित किया गया।” उन्होंने इस दौरान अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए भावुक लहजे में कहा कि सच के रास्ते पर चलना बहुत कठिन था, लेकिन अंततः सत्य की जीत हुई।
एनआईए कोर्ट द्वारा साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपियों को बरी करने के फैसले के बाद वह पहली बार भोपाल स्थित अपने आवास लौटीं, जहां समर्थकों की भीड़ ने फूल मालाओं और नारों के साथ उनका स्वागत किया। समर्थकों ने अदालत के फैसले को न्याय की जीत बताया, वहीं साध्वी प्रज्ञा ने इसे अपने जीवन का एक अहम मोड़ कहा। उन्होंने कहा कि यह फैसला केवल उनका ही नहीं, बल्कि उन सभी निर्दोष लोगों की जीत है जो सालों तक बेगुनाही साबित करने के लिए संघर्ष करते रहे।
