प्रतियोगी परीक्षाओं में कृपाण, कड़ा और पगड़ी पहनकर शामिल हो सकेंगे सिख उम्मीदवार
चंडीगढ़, भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश महासचिव परमिंदर सिंह बराड़ ने राजस्थान सरकार द्वारा सिख उम्मीदवारों के हित में जारी किए गए दिशा-निर्देशों का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक और संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप बताया है। उन्होंने कहा कि सिख धर्म के अनुयायियों को अब राजस्थान में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में अपनी धार्मिक पहचान—जैसे कड़ा, कृपाण और पगड़ी—के साथ शामिल होने की पूर्ण अनुमति मिल गई है।
बराड़ ने इस फैसले को एक “लंबे समय से चली आ रही मांग की पूर्ति” बताया और कहा कि यह न केवल सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं का सम्मान है, बल्कि भारतीय संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की भी रक्षा करता है।
“धार्मिक स्वतंत्रता हर नागरिक का मौलिक अधिकार है, और किसी भी सिख छात्र को उसकी पहचान या आस्था के कारण किसी परीक्षा या नियुक्ति प्रक्रिया से वंचित नहीं किया जा सकता,” उन्होंने कहा।
परमिंदर बराड़ ने राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग की तत्परता की भी सराहना की, जिसने हाल ही में एक गुरसिख विद्यार्थी से जुड़े मामले पर संज्ञान लेते हुए सरकार को सिफारिशें भेजी थीं। बराड़ ने कहा कि भाजपा न केवल सिखों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि हर उस समुदाय के साथ खड़ी है जिसकी आस्था और पहचान को संविधानिक संरक्षण प्राप्त है।
उन्होंने यह भी मांग की कि ऐसे दिशा-निर्देश केवल राजस्थान तक सीमित न रहकर पूरे देश में लागू किए जाएं, ताकि कोई भी सिख विद्यार्थी अपनी धार्मिक मान्यताओं के कारण किसी भेदभाव या कठिनाई का सामना न करे।
“मैं राजस्थान की भाजपा सरकार का दिल से धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने सिख धर्म की मर्यादा और संवैधानिक मूल्यों का सम्मान करते हुए यह सराहनीय निर्णय लिया,” बराड़ ने कहा।
