December 26, 2025

मजीठिया की जमानत को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार की याचिका खारिज

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मादक पदार्थ निरोधक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को छूट दी कि यदि मजीठिया मामले में गवाहों या मुकदमे को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं तो वह जमानत रद्द करने का अनुरोध कर सकता है।

पीठ ने एसटीएफ से मामले पर कोई भी सार्वजनिक बयान देने से पहले उसकी पूर्व अनुमति लेने को कहा। मजीठिया 10 अगस्त, 2022 को जमानत पर पटियाला जेल से बाहर आए हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए कहा था कि यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि वह दोषी नहीं हैं।

राज्य में नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह पर एसटीएफ की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर शिअद नेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

एसटीएफ की रिपोर्ट जगजीत सिंह चहल, जगदीश सिंह भोला और मनिंदर सिंह औलख सहित कुछ आरोपियों द्वारा प्रवर्तन निदेशालय को दिए गए इकबालिया बयानों पर आधारित थी।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की उस याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया जिसमें मादक पदार्थ मामले में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा दी गयी जमानत को चुनौती दी गयी थी।

न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि वह 10 अगस्त 2022 को हाई कोर्ट द्वारा दी गई जमानत के खिलाफ पंजाब सरकार की याचिका पर विचार नहीं करेगी। पीठ ने मजीठिया और राज्य की जांच एजेंसी को मामले की जांच के संबंध में मीडिया में कोई बयान नहीं देने का निर्देश भी दिया।

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