April 29, 2025

पंजाब में किसानों का प्रदर्शन: मान सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

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पंधेर बोले- भाजपा और आप में गठबंधन

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसान आंदोलन को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। अब किसान पंजाब में मंत्रियों और विधायकों की कोठियों का घेराव कर रोष जता रहे हैं। किसानों ने कहा कि पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के धरना को हटा दिया था। पंजाब पुलिस ने बॉर्डर खाली कराने के लिए किसानों को हिरासत में ले लिया था। इसके विरोध को लेकर किसानों ने आज पंजाब भर में कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों के घरों का घेराव करने का ऐलान किया था। किसानों का आरोप है कि पंजाब सरकार ने उनके साथ जबरदस्ती की है। क्योंकि किसान अपनी मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर शांत तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। 19 मार्च को पुलिस ने बल पूर्वक किसानों को वहां से खदेड़ दिया। किसानों के टेंड उखाड़ दिए और उनके सामान को नष्ट कर दिया गया। इसके विरोध में किसान पंजाब के मंत्रियों और विधायकों के घरों का घेराव कर रहे हैं। अमृतसर में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर समेत सैकड़ों किसान पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं। पंधेर ने कहा कि वह भगवंत मान सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के साथ जो किया उसके विरोध में किसान आज मंत्रियों और विधायकों के घरों का घेराव कर रहे हैं। भगवंत मान सरकार कह रही है कि किसानों को उनसे कोई दिक्कत नहीं है। ऐसा कुछ नहीं है। भाजपा और आप में कोई फर्क नहीं है। हमें लगता है कि उन्होंने गठबंधन कर लिया है। पंजाब के कई युवा नशे की लत के कारण मर गए, क्या पंजाब सरकार के हिसाब से यही विकास है? बेरोजगारी चरम पर है।

पंधेर ने कहा कि मुख्यमंत्री मान कहते थे कि हम एमएसपी देंगे, उस वादे का क्या हुआ? वे कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रहे हैं। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हमारे सामान को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा और सरकार करेगी।

फरीदकोट में संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा भारत के आह्वान पर किसान संगठनों ने सोमवार को गांव संधवां में पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां के निवास स्थान के सामने धरना दिया। किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इस मौके पर शंभू और खनौरी बॉर्डर से हटाए गए किसान मोर्चे पर माफी मांगने और नुकसान की भरपाई करने की मांग की गई।