March 16, 2025

रोजाना प्राणायाम करने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

1 min read
रोजाना प्राणायाम करने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

रोजाना प्राणायाम करने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण से बीमारियां बढ़ने लगती हैं। अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो योगा जरुर करना चाहिए। जो लोग योगा करते हैं उनका शरीर स्वस्थ रहता है। बता दें कि, प्राणायाम एक यौगिक अभ्यास है, यह सांस लेने की प्राक्रिया को नियंत्रित रखने का तरीका है। प्राणायाम करने से फिजिकल और इमोशनल हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद होता है। रोजाना प्राणायाम करने से मन-मस्तिष्क शांत होते हैं और इंद्रियों को दोष भी दूर होते हैं। ऐसे में अब सवाल उठता है कि प्राणायाम करना फेफड़ों के लिए फायदेमंद होता है?प्राणायाम करने से लंग्स हेल्थ के लिए कैसे फायदा पहुंचाता है?

यह भी पढ़ें सप्ताह में कुछ तेज कदम चलने से मौत की संभावना 31 फीसदी तक होती है कम
तनाव कम होता हैप्राणायाम करने से तनाव होता है और एंग्जायटी भी पेरशान नहीं करती। प्राणायाम करने से ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बेहतरीन होता है और मस्तिष्क भी रिलैक्स होता है। इसे करने से लंग्स की हेल्थ बढ़िया होती है। इससे अस्थमा और रेस्पिरेटरी इशूज ठीक होते हैं।

लंग्स की कैपेसिटी इंप्रूव होती हैप्राणायाम योग करने से लंग्स कैपेसिटी इंप्रूव होती है। प्राणायाम में डीप ब्रीथ लेना, बारी-बारी से नासिका से सांस लेने वाली एक्सरसाइज शामिल होती है। इसे करने से डायाफ्राम स्ट्रांग होता है और समय के साथ ही फेफड़ों की क्षमता में भी काफी सुधार आता है।

ऑक्सीजन इंटेक बढ़ता है

रोजाना प्राणायाम करने से ऑक्सीजन इंटेक बढ़ता है। इसमें लंबी, गहरी और माइंडफुल ब्रीदिंग पर काम किया जाता है। प्राणायाम करने से ऑक्सीजन इंटेक इंप्रूव होता है। इससे ब्लड और टिशुज में ऑक्सीजन फ्लो बेहतर रहता है।

रेस्पिरेटरी सिस्टम साफ होता है

गंदा खानपान और प्रदूषक की वजह से रेस्पिरेटरी सिस्टम में गंदगी जमा हो जाती है। इसके कारण सांस लेने में परेशानी होती है और सांस जुड़ी समस्याएं होना शुरु हो जाती है। रेस्पिरेटरी सिस्टम को क्लीन रखने के लिए भी प्राणायाम फायदेमंद होते हैं। यह सांस की नली को साफ करती है। प्राणायाम करने से ओवरऑल रेस्पिरेटरी सिस्टम इंप्रूव होता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।