February 23, 2025

कहीं आप भी तो नहीं हो चुके हैं प्री डायबिटिक, बदलें जीवन शैली

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प्री डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन यह अभी पूरी तरह से डायबिटीज के स्तर तक नहीं पहुंचा है। यह स्थिति बिना लक्षणों के धीरे-धीरे विकसित हो सकती है, लेकिन अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाए, तो यह टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकता है। इस समय में सही आहार, व्यायाम और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है और इसके प्रभावों से बचा जा सकता है।
आजकल, बदलती जीवनशैली और खराब खानपान के कारण प्री डायबिटीज की समस्या बढ़ रही है। यह स्थिति धीरे-धीरे शरीर को प्रभावित करती है और विभिन्न लक्षणों का कारण बन सकती है, जैसे अत्यधिक प्यास लगना, थकान, या वजन बढ़ना। आइए जानते हैं प्रीडायबिटीज को कंट्रोल करने के टिप्स।

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प्रीडायबिटीज के लक्षण

अत्यधिक प्यास लगना: यदि आपको बिना किसी कारण के अधिक प्यास लगने लगे, तो यह प्री डायबिटीज का संकेत हो सकता है।बार-बार पेशाब आना: यदि आपको रात में बार-बार पेशाब जाने की समस्या हो, तो यह रक्त शर्करा के स्तर का संकेत हो सकता है।वजन का बढ़ना: अनियंत्रित रक्त शर्करा की वजह से शरीर में वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।

घावों का धीरे-धीरे ठीक होना: प्री डायबिटीज की स्थिति में शरीर में घावों का ठीक होना धीमा हो सकता है।

प्री डायबिटीज से बचाव के तरीके
स्वस्थ आहार अपनाएं: प्री डायबिटीज से बचने के लिए कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा नियंत्रित करें और ताजे फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, और प्रोटीन युक्त आहार लें।

नियमित व्यायाम करें: हर दिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें, जैसे तेज़ चलना, दौड़ना या योग। यह शरीर के शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

वजन नियंत्रित रखें: अतिरिक्त वजन खासकर पेट की चर्बी को कम करना प्री डायबिटीज से बचाव में मदद करता है।रक्त शर्करा की नियमित जांच करवाएं: अगर परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, तो अपनी रक्त शर्करा का नियमित परीक्षण करवाना जरूरी है।

तनाव को कम करें: मानसिक तनाव शरीर में रक्त शर्करा को बढ़ा सकता है, इसलिए तनाव को कम करने के लिए ध्यान, गहरी साँस लेने की तकनीकें और पर्याप्त नींद लें।